लखनऊ। बुद्ध अम्बेडकर कल्याण एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश ने दलित साहित्यकार सेमिनार और सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया. यह आयोजन 15 अक्टूबर को लखनऊ में आयोजित हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और विशिष्ट अतिथि अरूणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद रहे.
राज्यपाल राम नाईक ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद ने दलित लेखक संघ के अध्यक्ष कर्मशील भारती और महासचिव हीरालाल राजस्थानी को उनके दलित साहित्य व कला में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान पत्र देकर सम्मनित किया.
कार्यक्रम में राम नाईक ने कहा कि अम्बेडकर द्वारा रचित साहित्य में मुझे संविधान सबसे प्रिय है. उन्होंने इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल के साथ मिलकर सात किताबों का विमोचन भी किया. इस मौके पर माता प्रसाद ने कहा कि दलित साहित्य मानवीय मूल्यों का साहित्य है जो समता मूलक समाज की मांग करता है.
इस अवसर पर हीरालाल राजस्थानी ने अपने अभिभाषण में कहा कि दलित लेखन बिना उसकी अवधारणा के रचा जाना अपने उद्देश्य से भटकना जैसा होगा. कर्मशील भारती ने कहा कि दलित साहित्य परंपरागत साहित्य की परिपाटी पर आधारित नहीं है.
इसके आलावा इस सम्मलेन में अनेक राज्यों से दलित लेखक चिंतक भी मौजूद रहें. जिनमें, खन्ना प्रसाद गुजरात से, एमडी इंगोले महाराष्ट्र से, डीसी ऊके मध्यप्रदेश से, नवनाथ काम्बले तमिलनाडु से नागेंद्र गौतम, लालती देवी और कालीचरण स्नेही उत्तर प्रदेश से मुख्यरूप से शामिल रहे. मंच संचालन नानक चंद ने किया.
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