गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ हो रहे शोषण और जातिगत भेदभाव को रोकने के लिए तमाम बहुजन संगठन एकजुट हो रहे हैं. यह संगठन एकजुट होकर संयुक्त फोरम बनाएंगे. यहा फोरम दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक समुदाय के विकास और हित के लिए काम करेगी.
गोरखपुर में रहने वाले हरिशरण गौतम की पहल पर एक संयुक्त फोरम बनाया जाएगा. हरिशरण गौतम ‘डा. बीआर अम्बेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण समिति’ के अध्यक्ष है. गौतम यहां बच्चों को पढ़ाते भी है. और प्रत्येक महीने के पहले रविवार को राप्ती नगर स्थित बुद्ध विहार में विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ मिलकर बैठक करते है. इस बैठक में दलितों और पिछड़ों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है.
हरिशरण गौतम ने दलित हित के लिए बहुत काम किया है. उन्होंने यूपी की अखिलेश सरकार (दिसंबर 2016) और मुलायम सरकार (2005) में पिछड़ी जातियों को दलित जाति में शामिल करने वाले कानून को अदालत में चुनौती दी थी. और उस पर स्टे लगवाया था.
हरिशरण गौतम के साथ-साथ समिति के संयोजक पारसनाथ जिज्ञासु (रिटा. उपायुक्त), विश्वनाथ (रिटा. बैंक मैनेजर) और वकील उदयराज जिला स्तर पर बैठक भी आयोजन करते है. हरिशरण गौतम ने दलित दस्तक को बताया कि तमाम दलित संगठन को एकजुट करने के लिए संयुक्त फोरम का निर्माण किया जाएगा. जिसमें प्रदेश के 27-28 संगठन होंगे. इन संगठनों में मुख्य रूप से अखिल भारतीय बाबासाहेब डा. अम्बेडकर समाज सुधार समिति, बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया, रविदास सभा, अम्बेडकर जागरण मंच, लार्ड बुद्धा सोसाइटी शामिल है.
गौतम ने आगे बताया कि संयुक्त फोरम का पूरी तरह से स्थापित होने के बाद यूपी के विभिन्न जिलों और मंडल में जाकर दलित मुद्दों पर विमर्श करेगी. सरकार और उच्च जातियों द्वारा दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ और मुखरता से अपनी आवाज को बुलंद करेंगे.
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