उना। दलित सवर्णों को किस कदर खटकते है उसकी एक बानगी गुजरात के उना तहसील के दलडी और मोतिसर गांव में देखने को मिली. गांव में दो अलग-अलग जगह गाय मरी हुई थी. गाय के मालिक ने समढीयाला गांव के गाय उठाने वाले ठेकेदार को बताया. ठेकेदार 4 दलित व्यक्ति के साथ मरी हुई गाय उठाने गए. तभी गांव के गौ रक्षक दल ने इन सभी दलितों की पिटाई कर दी. ठेकेदार और दलितों ने गौरक्षक दल को बहुत बार बताया कि गाय पहले से ही मरी हुई है, गाय के मालिक ने हमें फोन करके के बुलाया है लेकिन गौ रक्षक दल ने उनकी बात को अनसुना कर उनके साथ मार-पीट करने लगे. पिटाई के कारण दो दलित व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए है और अन्य दो लोगों को भी गहरी चोटें आयी.
गाय के मालिक ने दलितों का समर्थन किया और दलितों को अस्पताल में एडमिट भी करवाया है. दलितों का कहना है कि हम लोग तो मरी हुई गाय उठाने गए थे, अगर हम लोग गाय नहीं उठाते तो वह वहीं पड़े-पड़े सड़ जाती क्योंकि गांव का कोई भी व्यक्ति दलितों के बिना मरी गाय को हाथ नहीं लगाता. एक अन्य दलित ने कहा कि वैसे तो गाय सड़कों पर कुछ भी खाती रहेगी तब यह गौरक्षक दल उनकों खाना नहीं देते और न ही देखभाल करते हैं, जब हम मरी गाय उठाने जाते हैं तो मारने लगते हैं.
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