भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने एक सरकारी कॉलेज के दलित प्रिंसिपल बीएल अहिरवार को निलंबित कर दिया. अहिरवार अशोकनगर जिले के मुंगावाली स्थित शासकीय गणेश शंकर विद्यार्थी महाविद्यालय में प्रिंसिपल के पद पर थे. उन्हें इस पद से 11 अक्टूबर को निलंबित किया गया है.
दरअसल, अहिरवार ने राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के एक कार्यक्रम में स्थानीय सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को आमंत्रित किया था. यह कार्यक्रम 10 अक्टूबर को आयोजित हुआ था.
एमपी सरकार ने प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कार्यक्रम में राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह बने बैनर लगवाकर एनएसएस का कार्यक्रम करवाया और राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा कर राजनीति दल के बैनर महाविद्यालय के प्रांगण में लगाये.
क्या एक सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र के महाविद्यालय में बुलाना इतना बड़ा अपराध है कि उस महाविधालय के प्राचार्य को निलंबित कर दिया जाए?
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) October 11, 2017
इसके अलावा अहिरवार पर कॉलेज के विद्यार्थियों को पैसों का लालच देकर किसी राजनीतिक दल को वोट देने की सिफारिश करने और शैक्षणिक वातावरण के विरूद्ध गतिविधियां संचालित किये जाने का आरोप है.
इसी बीच, कांग्रेस नेताओं ने अहिरवार के निलंबन का विरोध करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के ग्वालियर स्थित आवास पर प्रदर्शन भी किया.
गुना के सांसद एवं लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, क्या एक सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र के कॉलेज में बुलाना इतना बड़ा अपराध है कि उस महाविद्यालय के प्राचार्य को निलंबित कर दिया जाए
उन्होंने कहा, मुंगावली डिग्री कॉलेज के दलित प्राचार्य डॉ. अहिरवार को बिना किसी नोटिस या ठोस वजह के सरकार ने निलंबित कर अपनी दलित विरोधी मानसिकता उजागर कर दी. सिंधिया ने कहा कि असंवेदनशील सरकार का यह एक तानाशाहीपूर्ण आदेश है, जो पूर्वाग्रह पूर्ण एवं घोर निंदनीय कृत्य है.
निलंबित प्राचार्य अहिरवार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैंने किसी को बुलाया नहीं था. क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया छात्रों से संवाद करना चाहते थे, इसलिए उन्हें इजाजत दे दी थी. मैं किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा नहीं हूं.

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