गोरखपुर। देश भर में दलित समाज पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अब देश के विभिन्न हिस्सों से विरोध की आवाज आने लगी है. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में भी दलित संगठनों ने सीएम योगी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 25 फरवरी को अम्बेडकर जागरण मंच के बैनर तले समाज के सैकड़ों लोगों ने दलितों पर अत्याचार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया. आरक्षण बचाओ, दलित सम्मान बचाओ, संविधान बचाओ महारैली के बैनर तले सैकड़ों लोग गोरखपुर की सड़कों पर उतर गए और प्रदेश भर में दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया.
आंदोलनकारी आरक्षण के समर्थन में और दलित उत्पीड़न के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. विरोध प्रदर्शन के दौरान इलाहाबाद के वकालत के छात्र दिलीप सरोज को इंसाफ दिलाने को लेकर भी नारे लगाए गए. महारैली विष्णुपुर से बशारत पुर होते हुए गोलघर, फिर शास्त्री चौक से अम्बेडकर चौक तक पहुंची. इसका नेतृत्व संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने किया.
बीते वक्त में जिस तरह दलित उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं, उससे देश भर के दलितों में काफी गुस्सा है. हाल ही में गुजरात में भी एक दलित एक्टिविस्ट भानुभाई वणकर द्वारा आत्मदाह किए जाने के बाद गुजरात में भी दलित आंदोलन भड़क गया है. तो सहारनपुर से एक बार फिर चंद्रशेखर रावण की रिहाई को लेकर भीम आर्मी के सदस्य और उनके समर्थक बुद्धीजीवी आंदोलन का बिगुल फूंक चुके हैं. ऐसे में लखनऊ के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति का दूसरा गढ़ बन चुके गोरखपुर में दलितों का सड़क पर उतरना बड़ी घटना है. गोरखपुर में उपचुनाव से ठीक पहले इस तरह के आंदोलन के जरिए दलित समाज की गोलबंदी भाजपा के लिए मुसीबत बन सकती है.
राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।