मैसूर। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस का विजय रथ रोकने के लिए प्रदेश में दौरा कर रहे अमित शाह शुक्रवार को बुरी तरह फंस गए. दलितों के एक कार्यक्रम में अमित शाह को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. मामला इतना बढ़ गया कि दलित समाज के लोग अमित शाह का विरोध करते हुए सम्मेलन से बाहर चले गए.
घटना मैसूर की है. अमित शाह मैसूर में दलितों के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इसी बीच एक शख्सक ने उठकर अमित शाह से सवाल पूछा कि केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े संविधान बदलना चाहते हैं, फिर भी अब तक उनकी कैबिनेट में जगह क्यों् बरकरार है. उस शख्सो ने कहा कि या तो आप अनंत कुमार को बाहर का रास्ता दिखाइये या बताइये क्याो बीजेपी अनंत कुमार के बयान से सहमत है?
जाहिर है कि अमित शाह के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था. फिर वही हुआ जो अक्सर ऐसी सभाओं में होता है. उस दलित शख्सव द्वारा सवाल पूछने के तुरंत बाद उससे माइक छीन लिया गया और सिक्यूरिटी वालों ने उसे चारो तरफ से घेर लिया. इसके तुरंत बाद ही उसे कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया. सिक्युबरिटी द्वारा शख्स को बाहर निकालने पर हंगामा मच गया. लोगों ने इसका जमकर विरोध किया. वहां मौजूद लोग उस शख्स की बात से सहमत थे और अमित शाह से जवाब चाह रहे थे. लेकिन शाह ने चुप्पी साध ली. इस दौरान मंच पर मौजूद कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार और एक स्थानीय नेता ने मामले को संभालने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी. बाद में कई दलित सदस्या अपनी सीटों से उठकर बाहर चले गए और अमित शाह का कार्यक्रम फ्लॉप हो गया.
गौरतलब है कि कर्नाटक में अमित शाह अपनी चुनावी सभाओं में एक के बाद एक गलतियां कर रहे हैं. हाल में कर्नाटक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने कांग्रेस के सीएम सिद्धारमैया की जगह अपनी ही पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा सरकार को भ्रष्ट बता दिया था. तो वहीं एक कार्यक्रम में शाह की किरकिरी तब हुई, जब अमित शाह के भाषण को गलत ट्रांसलेट करते हुए बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने कह दिया था कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब, दलित और पिछड़ों के लिए कुछ भी नहीं करेंगे. वो देश को बर्बाद कर देंगे. आप उन्हें वोट दीजिये.” अमित शाह की ऐसी गलतियों पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने चुटकी लेते हुए कहा है कि अमित शाह के मुंह से वही निकल रहा है जो सच है.
जहां तक दलितों के कार्यक्रम में अमित शाह के विरोध की बात है तो इस घटना से साफ हो गया है कि अनंत हेगड़े के बयान से कर्नाटक के दलितों में भारी गुस्सा है और वो चुनाव में भाजपा से इसका बदला लेने के लिए तैयार हैं.