सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक दलित महिला की नाक काटने का मामला सामने आया है. महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने बंधुआ मजदूर बनने से साफ इनकार कर दिया था.
महिला का आरोप है कि उसे और उसके पति को जबरन बंधुआ मजदूरी करने के लिए कहा जा रहा था. इनकार करने पर उसकी नाक काट दी गई. मामले का संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश महिला आयोग ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. इस मामले में दलित और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की शिकायत को महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने गंभीर मानते हुए पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं तथा कहा कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाये और उन्हें कडी से कड़ी सजा दी जाए.
पीड़ित महिला दलित परिवार से आती है. पुलिस ने बताया कि बीते सोमवार को ऊंची जाति के आरोपी बाप-बेटे ने घर में मजदूरी का काम कराने के लिए पीड़ित महिला और उसके पति को वहां आने को कहा लेकिन दोनों ने इससे इनकार कर दिया. आरोप है कि इसी बात से आरोपियों को गुस्सा आ गया.
आरोपी बाप-बेटे ने दलित दंपति को जातिसूचक गाली देते हुए उनकी जमकर पिटाई की. इसके बाद पीड़िता जब अपने पति को अस्पताल लेकर जा रही थी, उसी समय एक आरोपी ने उसकी नाक काट दी. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े को आपबीती सुनाई.
सुरखी पुलिस थाना प्रभारी आर एस बागरी ने बताया कि सोमवार को नरेन्द्र सिंह (32) और उसके पिता साहब सिंह ने राघवेन्द्र धानक (40) एवं उसकी पत्नी जानकी को अपने घर पर आने और मजदूरी का काम करने को कहा था. थाना प्रभारी बागरी ने बताया कि महिला की शिकायत पर हमने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 एवं 324 सहित एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
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