नौदीप कौर नाम की एक दलित महिला मजदूर अधिकार कार्यकर्ता पर पुलिस हिरासत में कथित तौर पर हिंसा एवं यौन शोषण का मामला सामने आया है। ‘नौदीप कौर’ मजदूर अधिकार संगठन (MAS) की कार्यकर्ता हैं जिन्हें सिंघू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के पक्ष में प्रदर्शन के दौरान 12 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ़्तारी के बाद उनके परिवार द्वारा पुलिस पर उनके साथ हिंसा एवं यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले पर तथाकथित मुख्य धारा के मीडिया में कोई खबर नहीं आ रही है।
on january 12—haryana police abducted nodeep kaur from her tent at singhu protest. since then she has been beaten & sexually assaulted while under police custody.
nodeep is 23 yold punjabi dalit woman & trade union activist who has been bravely speaking up about the protests. pic.twitter.com/XvN6TJwKj8
— rupi kaur (@rupikaur_) January 31, 2021
गौरतलब है कि पीड़िता पर आईपीसी सेक्शन 307 (हत्या की कोशिश) जैसा गंभीर आरोप लगाया गया है। उनके ऊपर तीन एफ आई आर दर्ज की गयी हैं। साथ ही दंगा भड़काने, घातक हथियार रखने, गैर कानूनी जमावड़ा करने, आपराधिक साजिश, शासकीय कर्मचारी के खिलाफ हिंसा इत्यादि जैसे आरोप लगाए गए हैं। पीड़िता के वकील ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जानकारी दी है कि पीड़िता के निजी अंगों पर घाव एवं चोट के निशान हैं जो उनके खिलाफ यौन हिंसा के आरोप की पुष्टि करते हैं। नौदीप की बड़ी बहन राजीव कौर जो कि खुद एक छात्र-कार्यकर्ता हैं, और दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं, ने बताया है कि उनकी बहन की पुलिस हिरासत में बेरहमी से पिटाई की गयी है और पुरुष सिपाहियों द्वारा उनके कपड़े फाड़े गए हैं।
यहाँ ध्यान देना होगा कि किसानों, मजदूरों के हक में आवाज बुलंद करने वाले कार्यकर्ता केंद्र सरकार के निशाने पर हैं। इसमें भी अगर वह कार्यकर्ता, पत्रकार या नेता दलित बहुजन समाज से आता/आती है तो उसके खिलाफ कहीं गंभीर षड्यन्त्रपूर्ण कार्यवाही की जाती है। नौदीप कौर का मामला भारत के मनुवादी शासन-प्रशासन सहित गोदी मीडिया की कार्यशैली को एक साथ उजागर करता है।
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