दलित साहित्य की दुनिया के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। दलित साहित्य के वर्तमान आधार स्तंभों में से एक मराठी साहित्यकार डॉक्टर शरण कुमार लिंबाले को वर्ष 2020 के लिए प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान दिया गया है। डॉक्टर लिंबाले वाले को यह पुरस्कार उनके बहुचर्चित उपन्यास ‘सनातन’ के लिए दिया गया है। इस सम्मान के साथ 15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी उन्हें दी जाएगी।
गौरतलब है कि ‘सनातन’ उपन्यास भारत में सदियों से दमित और वंचित दलित एवं पिछड़ों के बारे में है। हजारों सालों से सामाजिक भेदभाव एवं आर्थिक शोषण का सामना कर रहे करोड़ों दलितों के बारे में आवाज उठाने वाला यह उपन्यास मूल रूप से मराठी में रचा गया है। पिछले साल ही डॉक्टर पदमजा घोरपड़े ने इसका हिंदी में अनुवाद किया और यह उपन्यास वाणी प्रकाशन से प्रकाशित हुआ था। हिंदी में आने के बाद इस उपन्यास को व्यापक पहचान मिली और यह अचानक ही विद्वत समुदाय एवं साहित्य समुदाय में चर्चा का विषय बन गया था।
एक दलित साहित्यकार को सरस्वती सम्मान प्राप्त होना एक बड़ी बात है। इस बात के बहुत सारे निहितार्थ हैं। इसका एक विशेष अर्थ यह है कि दलित साहित्य एवं दलित साहित्यकारों के विचार प्रक्रिया अब तथाकथित मुख्यधारा के साहित्य को चुनौती दे रही है। इसका एक अर्थ यह भी है कि भविष्य में भारत के आमजन एवं महिलाओं से जुड़े मुद्दों को तथाकथित मुख्यधारा के साहित्य को भी सम्मान देना होगा। इन बड़े संकेतों को छुपाए हुए यह खबर पूरे भारत में दलितों के लिए एक बड़ी खुशखबरी के रूप में देखी जा रही है। शरण कुमार लिंबाले अपनी आत्मकथा ‘अक्करमाशी’ से काफी चर्चा में आ गए थे।
![dalit dastak](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/DD-logo.jpg)
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
अशोक दास जी हर खबर साझा करने के लिए साधुवाद.दलित दस्तक को मंगलकामनाये.