…और जब दलित जीतने लगे तो यादवों से बर्दाश्त नहीं हुआ

kabaddiगुड़गांव। गुड़गांव में तमाम जातियों के बीच आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए एक कबड्डी मैच खेला जाना था. चमार, वाल्मीकि, यादव और जाट समाज के लोगों ने इसमें हिस्सा भी लिया. मैच भाईचारे के बीच शुरू हुआ. लेकिन जैसे ही इस खेल में दलित समाज के खिलाड़ी जीतने लगे; दूसरे वर्ग के यादव खिलाड़ियों को यह बात चुभने लगी. भाईचारे पर जातीय अहम हावी हो गया. दलितों की जीत यादव जाति के खिलाड़ियों से बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने जाति सूचक गाली-गलौच और मारपीट शुरू कर दी. हद दो तब हो गई जब स्थानीय यादव अपने गांव के दलित खिलाड़ियों का साथ देने की बजाय यादव खिलाड़ियों का साथ देने लगे और मारपीट में शामिल हो गए. घटना में 10 लोग घायल हो गए और सारा भाईचारा धरा का धरा रह गया.

घटना पंद्रह अगस्त को गुड़गांव के चक्करपुर गांव की है. घायल हुए खिलाड़ियों में 24 साल के योगेंद्र को सबसे अधिक चोटें आईं हैं. 32 साल के विजेंदर के सिर में चोट लगी है. दोनों को गुड़गांव के उमा संजीवनी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर है. सेक्टर 29 के पुलिस थाने में यादव समुदाय के आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह दोस्ताना (फ्रेंडली) टूर्नामेंट कई गांवों और जाति से आए लोगों के बीच एक प्रतियोगिता थी. इसमें, दलित, यादव, जाट, गुर्जर, बनिया, और अग्रवाल आदि समाज के खिलाड़ी शामिल थे. ये प्रतियोगिता गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई, जिसमें दिल्ली-एनसीआर की 30 से अधिक टीमें शामिल थी.

दलित टीम के एक सदस्य बिट्टू सिंह ने बताया कि यादवों की टीम सिकंदरपुर की थी, लेकिन स्थानीय गांव के यादव भी उन्हें ही समर्थन कर रहे थे. जब उन्हें लगा की हम लोग जीत रहे हैं तो हमारे गांव के यादव भी गुस्सा हो गए और उत्तेजित हो गए. उनकी जाति के अन्य सहभागी और दर्शक भी मारपीट में शामिल होते गए. उन्होंने हमारे साथी को मारा, जो बचाने की कोशिश कर रहा था उसके साथ भी मारपीट की गई. यादव समुदाय के लोग जातिसूचक गाली दे रहे थे और देशी बंदूक से हवा में गोलियां चला रहे थे.

एएसआई कंवर सिंह ने बताया कि सेक्टर 29 पुलिस थाने में आईपीसी के अंतर्गत सेक्शन 147 (दंगा भड़काने), 149 (गैरकानूनी तरीके से सभा करना), 323 (चोट पहुंचाना), 325 (जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी),  आर्म्स एक्ट के तहत सेक्शन 25, 54 और 59 और एस/एसटी एक्ट के तहत 3, 33 और 89 सेक्शन के अंगर्गत मामले दर्ज हुए हैं. घटना के काफी देर बाद तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. स्थानीय दलितों का कहना है कि गांव के यादवों द्वारा निम्न जाति के लोगों के साथ इस तरह की घटना करना आम बात है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.