एक गरीब लड़का, जिसका पिता नहीं है। माँ मजदूरी करती है। दूसरों के खेतों में काम कर के अपना और अपने बेटे का जीवन चलाती है। बेटे को पढ़ाती है। बेटा दसवीं में पढ़ता है। इस उम्मीद में कि एक दिन अपनी माँ को बेहतर जीवन देगा। पढ़ता है तो जागरूक भी है। उसकी माँ की मजदूरी का पैसा बकाया है। बेटा पैसा मांगने जाता है तो उसे न सिर्फ पिटा जाता है, बल्कि उससे पैर चटवाए जाते हैं।
मामला अखंड भारत की स्थापना में जुटे भारत के सवर्ण समाज के सपनों के प्रदेश उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के जगतपुर कस्बे की है। रायबरेली कांग्रेस की महामहिम सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र भी है। इसी रायबरेली में दलित समाज के एक युवक की सिर्फ इसलिए बेरहमी से पिटाई की गई क्योंकि उसने अपनी माँ की बकाया मजदूरी की मांग की थी। जातिवादी गुडों से अपनी माँ की मेहनत और हक के पैसे मांगने गए किशोर उम्र के दसवीं के लड़के को जातिवादी सवर्ण समाज के गुंडों ने बेल्ट औऱ बिजली केबल से पिटाई की और उसके बाद पैर चटवाए। जातीय अहंकार में डूबे गुंडों ने उसे जातिसूचक गालियां दी।
घटना 10 अप्रैल के दिन की बताई जा रही है। लेकिन बाद में वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा। मारपीट का वीडियो वॉयरल होने के बाद पुलिस ने 6 युवकों के ख़िलाफ़ एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज़ किया है। जगतपुर कस्बे की रहने वाली महिला मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करती है।
मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें दो नाबालिग हैं। क्षेत्राधिकारी डलमऊ अशोक सिंह के मुताबिक ऋतिक सिंह और उत्तम सिंह सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें दो आरोपी नाबालिग हैं। उनको बाल सुधार गृह भेजा जा रहा है। अन्य चार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। बताते चलें कि भारत सरकार की राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर रोज दलितों के खिलाफ 125 मामले दर्ज किये जाते हैं।
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