नई दिल्ली। दलित समाज के लोगों द्वारा दो अप्रैल को भारत बंद के बाद मेरठ और हापुड़ में स्थिति सुधर नहीं रही है. बंद के बाद मेरठ में सोशल मीडिया पर दलित गुंडों के नाम से एक लिस्ट वायरल हुई, जिसमें 83 दलितों के नाम थे. इसमें सबसे ऊपर जिस 28 साल के युवा गोपी पेरिया का नाम था, तीन दिन बाद उसकी हत्या हो गई है. उसे पांच गोलियां मारी गई. युवक के पिता बसपा नेता ताराचंद हैं.
पिता ताराचंद की शिकायत पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. आरोपियों में शोभापुर निवासी मनोज गुज्जर, आशीष गुज्जर, कपिल राणा और गिरधारी का नाम शामिल है. सभी पर भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धारा 302, 504, 506 और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस को दी तहरीर में मृतक के पिता ताराचंद ने कहा कि घटनास्थल पर मनोज, आशीष और कपिल अपने दो अन्य साथियों सुनील तथा अनिल के साथ मौजूद थे. मनोज ने सबसे पहले गोपी के सीने में गोली मारी, फिर कपिल और आशीष ने गोली मारी. एक गोली सीने में दो, तीन गोलियां पीछे और पांचवीं गोली उसके हाथ में लगी. ताराचंद के मुताबिक मरने से छह घंटे पहले बेटे गोपी ने कहा था कि आरोपियों ने गोली मारने से पहले जातिसूचक शब्दों से नवाजा फिर कहा-तू बड़ा नेता बनता है.
मृतक गोपी के भाई प्रशांत ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई लिस्ट में अपना नाम देखकर सभी दलित युवा भाग गए थे, मगर गोपी नहीं भागा और वो गांव में ही रहा. प्रशांत ने कहा कि इस लिस्ट में मेरा नाम पांचवे स्थान पर था. पहले हमने सोचा कि यह पुलिस की लिस्ट है मगर पता करने पर पुलिस ने इन्कार कर दिया. संबंधित लिस्ट में मेरा पाचवां स्थान था. गौरतलब है कि दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान दलित बाहुल्य शोभापुर गांव के पास हिंसा भड़क उठी थी, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया.
dosto aaj desh mae bhartiya savidhan ko khuleam nakara jaraha hai gareeb our majboorou par ghor atyachar horahe hai n to niyapalika sunrahi hai our n karyapalka in par ho rahe julmo ko andhekha kiyajaraha hai our ye dono hi sashtha in ke virodh me hi apne apne kam kar rahe hai savidhan ke sthan par manu ka raj chalraha hai