मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर में परिजन के निधन पर दलित का मुंडन करने से इनकार करने का मामला सामने आया है. शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया. 35 दिन में दलित व सवर्ण के आमने-सामने होने का यह तीसरा मामला है. इससे पहले 15 अगस्त को दलित सरपंच द्वारा लाई नुक्ती नहीं बांटने व दलित समाज की झांकी को आगे नहीं निकलने देने के मामले हो चुके हैं. दलित-सवर्ण विवाद को लेकर प्रदेश के संवेदनशील जिलों में शामिल मंदसौर में हर माह ऐसा एक मामला हो रहा है. जिम्मेदार अधिकारी मामलों में न्याय दिलाने व संभाग में सबसे अधिक सजा दिलाने का दावा कर रहे हैं.
माल्याखेरखेड़ा निवासी गोवर्धन ने बताया कि उनके भाई की पत्नी का 19 सितंबर को निधन हो गया था. उसी दिन मुक्तिधाम पर मुंडन कराने की प्रथा है. इसके चलते गांव के ही सलून संचालक भोला नारायण को मुक्तिधाम पर बुलाया. उसने आने से इनकार कर दिया. इस पर दूसरे से मुंडन कराया. अगले दिन जब उससे इसका कारण पूछा तो उसने व उसके बेटे ईश्वर ने दलित समाज का होने के चलते नहीं आने की बात कही और गाली-गलौज की. गोवर्धन की शिकायत पर नाहरगढ़ पुलिस ने 20 सितंबर को केस दर्ज किया.
मेघवाल समाज के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सूर्यवंशी का कहना है जिले में करीब 15 मामले ऐसे हैं जिनमें दलितों पर अत्याचार हुआ और उन्होंने केस भी दर्ज कराया है. दो मामले इसी माह के हैं जिनकी शिकायत की है.

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