नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे 15 हजार गेस्ट टीचर नियमित होंगे. इस बाबत दिल्ली कैबिनेट ने बिल तैयार किया है. अब इसे पास करने के लिए 4 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस वार्ता कर इस बात की जानकारी दी है.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार जल्द ही दिल्ली के गेस्ट टीचर्स को परमानेंट करेगी. जल्द ही इस बिल को विधानसभा में पास कराया जाएगा. इसके लिए अगले सप्ताह 4 अक्टूबर को विशेष सत्र बुलाने की भी योजना है.
यहां पर याद दिला दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने 17 हजार गेस्ट टीचरों का वेतन 90 फीसदी तक बढ़ाया था. इस फैसले का फायदा सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) पास करने वाले टीचरों को मिल रहा है. यहां पर बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 17000 गेस्ट टीचर हैं, जिनमें से 2000 टीचर नॉन-सीटीईटी हैं.
दिल्ली में गेस्ट टीचर्स को रखने का सिलसिला 2009 मे उस वक्त शुरू हुआ जब कोर्ट ने राइट टू एजुकेशन लागू कर दिया और उसके बाद दिल्ली के सरकारी स्कूलों मे टीचर्स की भर्ती करना सरकार के लिए अनिवार्य हो गया. सरकार अगर परमानेंट टीचर रखती तो करीब एक टीचर को 35 से 40 हजार रूपए देने पड़ते. लेकिन 2009 में इन टीचर्स को 7 से 12 हजार रुपए देकर रख लिया गया. फिलहाल प्रतिदिन इन गेस्ट टीचर्स को करीब 700 से 900 रूपए दिए जाते है. लेकिन सिर्फ उतने दिन का, जितने दिन वो पढ़ाने आते हैं, हफ्ते की छुट्टी का भी कोई पैसा नहीं दिया जाता.
खबरों के मुताबिक, दिल्ली में करीब 15 हजार गेस्ट टीचर्स हैं. समय-समय पर ये लोग प्रदर्शन कर खुद को परमानेंट करने की मांग करते रहे हैं. इनका कहना है कि केजरीवाल सरकार ने चुनाव से पहले इनसे वादा किया था कि सभी गेस्ट टीचर्स को परमानेंट कर देंगे. गेस्ट टीचर्स की सैलरी भी बढ़ाएंगे. इस साल दिल्ली सरकार गेस्ट टीचर की सैलरी तो बढ़ा चुकी है पर परमानेंट करने का इंतजार है.

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