जबलपुर। हमारे देश के नेता तो जनता को लूट ही रहे हैं, सरकारी अधिकारी उन्हें रोकने के बजाए खुद भी उनका साथ दे रहे हैं. वह भी जनता को लूट रहे हैं. अपने पद रौब दिखा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जबलपुर के कुंडम जिले से आया है.
दरअसल, जिलाध्यक्ष संजय पटेल कुंडम में एक आदिवासी की जमीन से जबरन रेत निकाल रहा है. यह रेत जमीन मालिक के बिना अनुमति के निकाल रहा है. यह कोई पहला मामला नहीं है. संजय पटेल ग्राम पंचायत के सचिव और जिला पंचायत के अधिकारियों से भी मारपीट कर पहले भी विवादों में रह चुका है.
जबलपुर से 45 किलोमीटर दूर कुण्डम जिला के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत डबराकला के टोला तौरी में रहने वाले आदिवासी राम स्वरूप, शेषभान सिंह, संदेश गोंटिया सहित अन्य ग्रामीण जबलपुर जनपद अध्यक्ष संजय पटेल के कारनामों से परेशान हो चुके हैं. जनपद अध्यक्ष ने आदिवासियों की जमीन में जेसीबी मशीन की मदद से भसुआ रेत का अवैध उत्खनन बिना अनुमति के शुरू कर दिया है.
जब आदिवासी परिवार को पता चला तो आदिवासियों ने उसके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कार्रवाई की मांगी की है. आदिवासियों ने बताया कि अवैध रूप से उनकी जमीन से रेत निकालने की शिकायत सभी ने एसडीएम और तहसीलदार से की थी, लेकिन अधिकारियों उन्हे झूठा आश्वासन देकर भगा दिया. आज तक घटना स्थल पर और ग्रामीणों से कोई भी अधिकारी मिलने नहीं पहुंचे और न ही जिलाध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई की.
आदिवासियों ने बताया कि जनपद अध्यक्ष द्वारा अवैध रूप से निकाली जा रही भसुआ रेत से देवरी, धनपुरी, उमारिया, कुड़ारी, डूंडी सहित अन्य पंचायतों में निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं. सवाल ये उठता है कि भसुआ रेत से किए गए निर्माण कितने समय तक टिके रहेंगे इसकी कोई गारंटी लेने वाला नहीं है.
गौशाला में स्टॉक हो रही रेत
जिलाध्यक्ष संजय पटेल किस तरह घटिया रेत की सप्लाई जबलपुर जनपद की पंचायतों में कर रहे हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुंडम के डबराकला से रेत निकालकर अध्यक्ष अपने घर जिसमें गौशाला संचालित होती है, में रेत का स्टॉक रखे हुए हैं. बताया जा रहा है कि अध्यक्ष यहीं से रेत की सप्लाई कर पंचायतों में निर्माण कार्यों को पूरा करा रहे हैं.
जमीन मालिक रामस्वरूप सिंह ने कहा कि मेरी जमीन से कब रेत निकाली जाने लगी, इसकी जानकारी ही मुझे नहीं लगी. एसडीएम-तहसीलदार को शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.
एक अन्य आदिवासी ग्रामीण शेषभान सिंह ने बताया कि कई माह से रामस्वरूप की जमीन से भसुआ रेत निकाली जा रही है और ग्रामीणों को यही बताया जा रहा था कि इसकी परमीशन अधिकारियों से ली गई है.
ग्रामीण संदेश गोंटिया ने बताया कि रोजाना गांव में डंफर, ट्रेक्टरोंका जमावड़ा रहता था, रात-रात भर रेत निकलती थी,ग्रामीणों के पूछने पर शासन का कार्य बताकर चुप कर दिया जाता था.
डबराकला के सरपंच बिसन लाल झारिया ने बताया कि रेत के लिए जनपद अध्यक्ष ने कोई परमीशन नहीं ली है, अवैध रूप से रेत निकालकर अध्यक्ष अपने गृह निवास में रख रहे हैं जहां गौशाला भी है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।