दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव में एनएसयूआई बड़ी जीत हासिल की है. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर एनएसयूआई ने जीत दर्ज कर ली है जबकि सचिव और सह सचिव का पद एबीवीपी के खाते में गया है.
अध्यक्ष पद की रेस में एनएसयूआई के रॉकी तुसीद ने एबीवीपी के रजत चौधरी को हराया है. इसके अलावा एनएसयूआई ने उपाध्यक्ष पद पर भी कब्जा किया है.
परिणाम आने से पहले वोटों की गिनती में काफी उतार-चढ़ाव देखन को मिला. पहले खबर आई कि तीन बड़े पदों पर एनएसयूआई का कब्जा है. लेकिन बाद में यह साफ हुआ कि दो पदों पर एनएसयूआई और दो पदों पर एबीवीपी की जीत हुई है. गिनती के दौरान कड़ा मुकाबला रहा.
Raj,Pb & now resounding victory of @nsui is a rejection of false promises of ‘Acche Din’ of Modiji.
Youth for Change will change Modi Govt. pic.twitter.com/ijOvtJ2YFg— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) September 13, 2017
शुरुआती राउंड में एबीवीपी ने चारों पदों पर बढ़त बनाई हुई थी. लेकिन बाद की गिनती में एनएसयूआई ने बढ़ती चली गई. पिछले साल एबीवीपी ने डूसू के सेंट्रल पैनल में 4 में से 3 सीटों पर कब्ज़ा जमाया था. पिछले 4 साल से एबीवीपी डूसू पर काबिज़ है.
#DUSU छात्रसंघ चुनाव में प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट सीट पर @nsui की जीत के बाद जश्न मनाते छात्र. | #DUSU pic.twitter.com/EpnsCUJvvA
— Abhay Dubey (@DubeyAbhay_) September 13, 2017
डूसू के इस दंगल में एनएसयूआई पिछले 4 साल से हार का सामना कर रही थी. हालांकि पिछले साल जॉइंट सेक्रटरी के पोस्ट पर एनएसयूआई के मोहित गरीड़ ने बाज़ी मारी थी. एनएसयूआई को उम्मीद है कि इस साल डूसू जीतने में वो कामयाब होंगे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले एनएसयूआई के प्रेसिडेंड कैंडिडेट रॉकी तुसीद का नॉमिनेशन रद्द होने के बाद एनएसयूआई को दूसरी उम्मीदवार अलका के लिए प्रचार करना पड़ा.
लेकिन फिर रॉकी तुसीद के पक्ष में हाई कोर्ट का फैसला आने पर एनएसयूआई का प्रेसिडेंड कैंडिडेट बदलने पर डीयू के छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई. हालांकि सोशल मीडिया कैंपेन के जरिये एनएसयूआई ने प्रेसिडेंड पोस्ट के लिए जमकर प्रचार किया. लेकिन एनएसयूआई को ये डर जरूर सता रहा है कि कहीं छात्रों का ये संशय उन्हें डूसू चुनाव में भारी न पड़े.
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