नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली में एजुकेशन सिस्टम में सुधार के लिए नॉर्थ एमसीडी के एजुकेशन विभाग ने एक डिटेल प्लान तैयार किया है. प्लान के अनुसार एजुकेशन सिस्टम में सुधार पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च का एस्टिमेट तैयार किया गया है. इसमें से नॉर्थ एमसीडी के स्कूलों में पढ़ने वालों के बच्चों के एजुकेशन पर 23 प्रतिशत, ट्रांसपोर्टेशन पर 19 प्रतिशत, मेडिकल और पब्लिक हेल्थ पर 15 प्रतिशत और डिवेलपमेंट पर 12 प्रतिशत खर्च का प्लान बनाया है. स्कूलों में वॉटर सप्लाई और सैनिटेशन पर 10 प्रतिशत और सोशल सिक्युरिटी और वेलफेयर पर 12 प्रतिशत खर्च किया जाएगा.
नॉर्थ एमसीडी के एक सीनियर अफसर के अनुसार एमसीडी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के ड्रॉप आउट संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही थी. इसे देखते हुए एमसीडी ने एक प्राइवेट एजेंसी से कारणों को जानने के लिए सर्वे कराया था. एजेंसी ने ड्रॉप आउट के तीन कारण बताए, जिसमें एक तो फैमिली प्रॉब्लम, दूसरा स्कूल संबंधित प्रॉब्लम और तीसरा निजी कारणों से ड्रॉप आउट संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी.
इस रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों में एजुकेशन लेवल में सुधार के लिए लेआउट प्लान तैयार किया है, जिसका की-पॉइंट्स है एजुकेशन, ट्रांसपोर्टेशन, सोशल सिक्युरिटी और वेलफेयर, अर्बन डिवेलपमेंट, वॉटर सप्लाई, सैनिटेशन और मेडिकल फैसिलिटी. हर पॉइंट्स पर काम करने के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई गई है और इस पर होने वाले खर्च का आंकलन भी किया गया है. अलग-अलग चरणों में इन पर काम किया जाएगा, जिस पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होगा.
किस काम पर, कितना खर्चः अफसरों के अनुसार एजुकेशन पर कुल राशि का 23 प्रतिशत, ट्रांसपोर्टेशन पर 19 प्रतिशत, मेडिकल और पब्लिक हेल्थ पर 15 प्रतिशत, अर्बन डिवेलपमेंट पर 12 प्रतिशत, सोशल सिक्युरिटी और वेलफेयर पर भी 12 प्रतिशत खर्च का आंकलन किया गया है. इसके अलावा स्कूलो में वॉटर सप्लाई और सैनिटेशन पर 10 प्रतिशत और अन्य कार्यों पर 7 प्रतिशत खर्च किया जाएगा.
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