भोपाल। इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ गठबंधन बनाने के लिए आठ राजनीतिक दलों की रविवार को भोपाल में बैठक हुई. इसमें शामिल आठों पार्टियों ने बीजेपी को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया लेकिन कांग्रेस को भी इस गठबंधन में शामिल कर महागठबंधन बनाने के मुद्दे पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने विरोध किया. इस कारण कांग्रेस को इस गठबंधन में मौका नहीं मिल सका.
लोकतांत्रिक जनता दल के सलाहकार गोविन्द यादव ने बताया, ‘संवैधानिक लोकतंत्र बचाने एवं वैकल्पिक राजनीति की खातिर मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गैर-बीजेपी राजनैतिक दलों के गठबंधन निर्माण के लिए आठ विभिन्न राजनैतिक दलों की बैठक भोपाल में हुई. इस बैठक में लोकतांत्रिक जनता दल, सीपीआई, सीपीएम, बहुजन संघर्ष दल, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय समानता दल और प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी शामिल हुई.’
सीपीआई और सीपीएम ने किया कांग्रेस का विरोध
यादव ने बताया कि सीपीआई और सीपीएम ने संपूर्ण विपक्षी एकता के लिए गैर बीजेपी गठबंधन निर्माण पर सैद्धांतिक सहमति व्यक्त की लेकिन कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व पूर्ण गठबंधन नहीं करने का फैसला लिया. शेष अन्य दलों ने संपूर्ण विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व पूर्ण गठबंधन का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि इन आठों दलों की अगली बैठक 7 अक्टूबर को आयोजित की गई है.
बता दें कि यादव वर्तमान में लोक क्रांति अभियान के संयोजक हैं. वह मध्यप्रदेश जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि बीएसपी द्वारा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 22 प्रत्याशियों की 20 सितंबर को की गई घोषणा के बाद यह कदम उठाया जा रहा है, ताकि विपक्षी दलों के वोटों का विखराव न हो और बीजेपी को लगातार चौथी बार सत्ता में आने से रोका जा सके.
गैर-बीजेपी वोटों के बिखराव को रोकने की कोशिश
यादव ने बताया कि बीएसपी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान गुरुवार को कर दिया और वह सभी 230 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी इसलिए हम गैर बीजेपी वोटों के बिखराव को रोकने के लिए गठबंधन करेंगे, ताकि बीजेपी को हराया जा सके. उन्होंने कहा कि विधानसभा के चुनाव के लिए अब बहुत कम समय बचा है. लंबे समय से महागठबंधन के लिए प्रयास कर रही कांग्रेस अब तक सफल नहीं हो पाई है इसलिए हम इस महागठबंधन के लिए प्रयास कर रहे हैं.
Read it also-मायावती ने फेरा कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये आप हमें paytm (9711666056) कर सकतें हैं।
![dalit dastak](https://www.dalitdastak.com/wp-content/uploads/2020/12/DD-logo.jpg)
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।