नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं गुरुवार से शुरू होने जा रही है. पिछले साल पेपर लीक और उसके बाद हुए बवाल का सामना करने के बाद बोर्ड और केंद्र सरकार ने पेपर लीक जैसी घटनाओं से बचने के लिए कई घोषणाएं की थी. इन घोषणाओं में इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड पेपर की घोषणा भी थी, हालांकि यह सिर्फ वादा ही रह गया. दरअसल इस बार भी पुराने पैटर्न से ही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड पेपर का था वादा
पिछले साल सरकार ने इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड पेपर पैटर्न से परीक्षा करवाने की घोषणा की थी. इस पैटर्न को लेकर कहा जा रहा था कि सभी स्कूलों को सीधे इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड पेपर भेजे जाएंगे. यह पेपर आधे घंटे पहले ही सेंटर्स को इलेक्ट्रॉनिक पेपर भेजा जाएगा. हर पेपर के लिए पासवर्ड भी होगा, जो कि हर सेंटर को दिया जाएगा. उसके बाद सेंटर पर ही प्रिंट आउट निकालकर छात्रों को एग्जाम पेपर बांटा जाएगा. हालांकि इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा और पेपर पुराने तरीके से ही करवाए जाएंगे.
पुराने पैटर्न से होगी परीक्षा
सीबीएसई अधिकारियों ने बताया कि इस बार परीक्षा का आयोजन पुराने पैटर्न से होगा. वहीं केंद्रीय विद्यालय के टीचर्स का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड पेपर को लेकर कोई जानकारी नहीं है और पेपर पहले से ही प्रिंट किए हुए मिलेंगे. स्कूलों को कस्टोडियन बैंक से पेपर लाने होंगे और फिर बच्चों को बांटे जाएंगे.
क्या है पुराना पैटर्न
स्कूल तक पेपर कस्टोडियन बैंक से लाए जाते हैं और बैंक तक सीबीएसई की ओर से पेपर पहुंचाए जाते हैं. जिस दिन जिस विषय की परीक्षा होती है, उस दिन सुबह स्कूल के प्रतिनिधि, बैंक प्रतिनिधि और सीबीएसई के प्रतिनिधि तीनों की मौजूदगी में प्रश्न पत्र को बैंक के लॉकर से निकाला जाता है. प्रश्न पत्र बैंक से निकल कर जब स्कूल तक पहुंचते हैं, तो रास्ते में उस गाड़ी में एक सुरक्षा गार्ड, एक सीबीएसई का प्रतिनिधि और एक स्कूल का प्रतिनिधि होता है.
उसके बाद बोर्ड की परीक्षा शुरू होने से ठीक आधे घंटे पहले स्कूल प्रिंसिपल, बोर्ड के हेड एग्जामिनर और परीक्षा में निगरानी के लिए शामिल होने वाले शिक्षकों की मौजूदगी में प्रश्न पत्र को खोला जाता है. नियमों के अनुसार इसकी वीडियोग्राफी भी होती है और उसे सीबीएसई को भेजना होता है. हर मौके पर इस बात का खास ख़्याल रखा जाता है कि प्रश्न पत्र की सील खुली न हो.
बता दें कि पिछले साल सीबीएसई ने पेपर लीक की वजह से 12वीं क्लास के इकोनॉमिक्स और 10वीं क्लास के मैथ्स का पेपर दोबारा कराने का फैसला किया था.
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