झारखंड चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी, हेमंत सोरेन ने गिनाई उपलब्धियां

हेमंत सोरेनआज (16 अक्टूबर) जेल से वापस लौटकर राज्य की कमान संभाले 100 दिन पूरे हुए हैं। साथ ही कल चुनाव आयोग द्वारा झारखण्ड में विधानसभा चुनाव की घोषणा भी हुई है। दिसंबर 2019 में झारखण्ड की अपनी महान जनता के आशीर्वाद से मैंने राज्य की बागडोर संभाली। मकसद एक ही था कि झारखण्ड रूपी पेड़ को सिंचित कर इसकी जड़ें मजबूत करना। इस पेड़ को भाजपा ने 20 वर्षों तक दोनों हाथों से लूटने का काम किया था। इसे सुखाने का काम किया था। इसकी जड़ों पर मट्ठा डालने का काम किया था।

 यही कारण था कि 20 वर्षों के युवा झारखण्ड में हमारे गरीब, वंचित और शोषित वर्ग के लोग सामाजिक सुरक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए तरसते थे, हमारे आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक खोई हुई पहचान के लिए तरसते थे, हमारे राज्य के नौनिहाल अच्छी शिक्षा के लिए तरसते थे, हमारे होनहार युवा नौकरी और रोजगार के लिए तरसते थे, हमारे मेहनतकश किसान कर्ज के बोझ तले दबे जाते थे, हमारी मातायें-बहनें मान-सम्मान और स्वाभिमान के लिए तरसतीं थी, हमारे मजदूर भाई-बहन अपनी पहचान के लिए तरसते थे, हमारे जल-जंगल-जमीन अपनी अस्मिता के लिए तरसते थे। झारखण्ड की जड़ों को सशक्त करने का महती प्रयास जो आपने और हमने मिलकर शुरू किया है, उसे अभी कई पड़ाव पार करने हैं। मार्च 2020 में पूरे देश में जब लॉकडाउन लगा, पूरे देश को जब पता चला कि लाखों-करोड़ों लोग अपने घरों से दूर, जीवन और जीविका की लड़ाई लड़ने को विवश हो चले हैं, तो आपने और हमने अपने राज्य के लाखों प्रवासी लोगों को झारखण्ड वापस लाने का बीड़ा उठाया।

सखी मंडल से जुड़ी दीदी-बहनों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर, राज्य वापस लौट रहे लोगों को पौष्टिक खाना खिलाने के काम किया। यह आपका साथ ही था कि झारखण्ड देश के पहला राज्य था जो पहली ट्रेन, पहले प्लेन से अपने लोगों को घर पहुंचा रहा था। विरासत में मिली लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ करते हुए पूरी सरकार और प्रशासन ने सुविधाओं को दुरुस्त करना शुरू किया, आपके हौसलों के बगैर यह सब कहां संभव था। यही कारण रहा कोरोना के समय पूरे देश में ऑक्सिजन सप्लाई करने वाला भी झारखण्ड पहला राज्य बना। कोरोना में जीवन के साथ-साथ जीविका बचाना भी बहुत जरूरी था, तो हमने तुरंत बिरसा हरित ग्राम योजना शुरू की, नीलांबर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना शुरू की, पोटो हो खेल विकास योजना भी हमने तभी शुरू भी किया।

मनरेगा में काम रहे लोगों को वाजिब मजदूरी मिले इसके लिए हमने मजदूरी दर भी बढ़ाने का काम किया। गरीब, वंचित और शोषित वर्ग के लोगों की सामाजिक सुरक्षा जब तक सुनिश्चित नहीं होती, उनका रोटी-कपड़ा और मकान सुनिश्चित नहीं होता, तब तक कोई राज्य आगे नहीं बढ़ सकता है। इसलिए हमने हर वर्ष राज्य के कोने-कोने में सरकार आपके द्वार के महाअभियान के तहत लाखों-करोड़ों राज्यवासियों को सर्वजन पेंशन योजना, हरा राशन कार्ड, सोना सोबरन धोती साड़ी योजना, अबुआ आवास योजना, जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा। लाखों परिवारों को हमने 200 यूनिट मुफ्त बिजली और बकाया बिजली बिल माफ कर महंगाई के इस दौर में थोड़ी राहत देने का भी काम किया। राज्य के हमारे लाखों मेहनती किसानों का 2 लाख रुपए तक ऋण माफ हुआ। केसीसी, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, बिरसा सिंचाई कूप योजना, धान खरीद, किसान पाठशाला जैसी योजनाओं से राज्य के लाखों किसानों को सशक्त करने का प्रयास शुरू हुआ।

 देश-विदेश में फंसे या मदद मांग रहे श्रमिक भाइयों और बहनों को भी संवेदनशीलता के साथ हमेशा मदद पहुंचाई गयी। राज्य की हमारी लाखों माताओं-बहनों और बेटियों के मान, सम्मान और स्वाभिमान से जोड़ने के लिए उन्हें मंईयां सम्मान योजना, हजारों करोड़ के बैंक क्रेडिट लिंकेज, फूलो झानो आशीर्वाद अभियान, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना जैसी योजनाओं से जोड़ने का काम हुआ। दिसम्बर से 18-50 वर्ष की माताओं-बहनों को 2500 रुपए की सम्मान राशि भी मिलने लगेगी। अपने राज्य के नौनिहालों के लिए हमने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की श्रृंखला शुरू की, जो पंचायत स्तर तक जाएगी। प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की राशि दो से तीन गुना बढ़ायी गयी। गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मरङ्ग गोमके ओवरसीज स्कॉलरशिप, साइकिल वितरण, आदि योजनाओं के जरिए उनके सपनों को पंख देना का काम किया है, आप और हमने मिलकर।


झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सोशल मीडिया एक्स पर लिखा गया

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