उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में दलित समाज की दो युवतियों की मौत और मध्यप्रदेश में जीआरपी थाने में पुलिसकर्मियों द्वारा एक बुजुर्ग और एक नाबालिग दलित की पिटाई का मामला तूल पकड़ चुका है। इन दोनों घटनाओं को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। खास तौर पर ये दोनों घटनाएं भारत में दलितों पर होने वाले अत्याचार की इंतहा को बताती है। मामला इतना संदिग्ध है कि यू-ट्यूब इसको दिखाने के पहले तमाम बंदिशे लगा रहा है। लेकिन आप लिंक पर जाकर यह वीडियो देख सकते हैं।

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।