यूं तो हर साल दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से युवा भारत के तमाम विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए आते हैं। लेकिन इन दिनों एक विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। ऊंची-ऊंची इमारतें और बहुजन नायकों के विशाल प्रतिमाओं से सजे इस विश्वविद्यालय को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने तब बनवाया था, जब वो उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। यह विश्वविद्यालय है दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा यानी गौतम बुद्ध नगर में बना गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने आने वाले सेशन के लिए 124 ब्रांच में 3672 सीटों के लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है। 2021-22 के सेशन में दुनिया के 40 देशों के 260 विदेशी छात्रों ने अब तक आवेदन किया है। खास बात यह है कि गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के पढ़ने के लिए एडमिशन का आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है।
वर्तमान में विश्वविद्यालय में 50 विदेशी छात्र हैं जो अपनी पढ़ाई पूरी करके अपने अपने देशों को रवाना हो जाएंगे। इसमें म्यांमार के अलावा कई अन्य देशों के छात्र शामिल हैं। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने इस सेक्शन में 21 नए कोर्स शुरू किए हैं।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मामलों के निदेशक डॉ. अरविंद सिंह ने बताया कि विदेशी छात्रों ने एडमिशन में तेजी से रुचि दिखाई है और दिन-ब-दिन उनकी तादाद बढ़ती जा रही है। यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल सेकेंडरी का संबंध विभाग के भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, शिक्षा मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ आदि के साथ है, इनके जरिये भी आवेदन आते हैं।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय 2008 में बसपा शासनकाल में बना था। भव्य इमारतों वाला यह विश्वविद्यालय 511 एकड़ में फैला हुआ है। विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस मौजूद हैं। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम की बात करें तो School of Information & Communication Technology, School of Management, School of Biotechnology, School of Engineering, School of Law, Justice and Governance, School of Buddhist Studies and Civilization, School of Vocational and Applied Sciences विषयों में पढ़ाई होती है।
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