खुद को सबसे बड़ा अंबेडकरवादी होने का दावा करने वाले तमाम बड़े अधिकारियों में भाजपा ज्वाइन करने की होड़ लगी है। बृजलाल,असीम अरुण और विजय कुमार के बाद अब पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश ने भाजपा ज्वाइन कर लिया है। प्रेम प्रकाश ने 21 मई को यूपी के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के सामने भाजपा की सदस्यता ली। प्रेम प्रकाश डीआईजी के पद पर रहे हैं। प्रेम प्रकाश की गिनती उन अफसरों में होती है जो दलितों के अधिकार और अंबेडकरवादी मिशन के लिए समर्पित रहे हैं। ऐसे में उनका भाजपा ज्वाइन करना अंबेडरवादी समाज को हजम नहीं हो रहा है।
दिल्ली के रहने वाले प्रेम प्रकाश साल 1993 बैच के अफसर हैं। वह आगरा, मुरादाबाद में पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। साल 2009 में प्रेम प्रकाश को राजधानी लखनऊ में DIG का जिम्मा संभाला था। वह काफी चर्चित आईपीएस अधिकारी रहे हैं। वह प्रयागराज जोन के डीजीपी भी रह चुके हैं। नौकरी के फ्रंट की बात करें तो उन्हें काबिल, ईमानदार और धाकड़ पुलिस अधिकारी की रही है। माना जाता रहा है कि प्रेम प्रकाश खांटी अंबेडकरवादी अफसर हैं। एक समय में वह बसपा के भी करीब रह चुके हैं। प्रेम प्रकाश की बेटी बहुजन समाज पार्टी से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी है।
पिछले कुछ दिनों से ही प्रेम प्रकाश के भाजपा में शामिल होने की खबरें आ रही थी। जब भाजपा पर संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने का आरोप विपक्ष द्वारा लगाया जा रहा है, ऐसे में प्रेम प्रकाश जैसे चेहरों को शामिल कर भाजपा ने एक बड़ा दांव चला है। लेकिन देखना यह होगा कि सजग अंबेडकरवादी भाजपा के खेमे में जाने वाले प्रेम प्रकाश और उनकी बातों पर कितना भरोसा जताता है।
यहां सवाल यह भी है कि सालों तक खुद को अंबेडकरवादी होने का दम भरने वाले तमाम अधिकारी रिटायरमेंट के बाद समाज के बीच जाकर काम करने और उन्हें जागरूक करने की बजाय, सत्ताधारी दलों का रुख ही क्यों कर रहे हैं? वह भी ऐसे दल की जिसकी विचारधारा के वह आलोचक रहे हैं। अंबेडकरी विचारधारा के लिए निश्चित तौर पर यह चिंता की बात है।
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