दुबई। सऊदी अरब के शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में भी लड़कियां खेलों में भाग ले सकती है. इस आदेश से पहले सिर्फ निजी स्कूलों में लड़कियां खेल में भाग लेती थी. देशभर में महिलाएं वर्षों से अपने अधिकारों तथा खेलों में भाग लेने की मांग कर रही थीं, जिसके बाद अब यह कदम उठाया गया है. शिक्षा मंत्रालय ने 11 जुलाई को कहा था कि वह धीरे-धीरे और इस्लामिक शरिया कानूनों के अनुसार शारीरिक शिक्षा की कक्षाएं भी शुरू करेगा.
सऊदी अरब के एक कार्यकर्ता ने टि्वटर पर पूछा कि क्या लड़कियों को खेलों में भाग लेने से पहले पुरुष संरक्षक जैसे कि पिता से अनुमति लेनी होगी. यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या ये कक्षाएं पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं या नहीं. सरकारी स्कूलों में लड़कियों को खेलों में भाग लेने की मंजूरी देने का फैसला सऊदी अरब में काफी अहम है क्योंकि यहां महिलाओं का खेलना अब भी सही नहीं माना जाता है. देश के कुछ कट्टरपंथी महिलाओं के खेलने को निर्लज्जता बताते हैं.
सऊदी अरब में है रूढ़िवादी मानसिकता
4 साल पहले देश में निजी स्कूलों में लड़कियों को खेलों में भाग लेने की अनुमति मिल गई थी. महिलाएं पहली बार 2012 के लंदन खेलों के दौरान सऊदी अरब की ओलंपिक टीम का हिस्सा बनीं थी. सऊदी अरब में महिलाओं को लेकर काफी रूढ़िवादी मानसिकता है. महिलाओं के गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध है और उन्हें विदेश यात्रा करने या पासपोर्ट बनवाने के लिए पुरुष संरक्षक यानि पिता, पति या भाई की अनुमति लेना अनिवार्य होता है.
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