पालनपुर। समाज में हर रोज जातिगत भेदभाव की खबरें आती रहती हैं. ऐसे में जाति तोड़ने की कोशिश करने या जातिगत भेदभाव खत्म करने की दिशा में उठाया गया एक छोटा सा कदम भी समाज के बीच साकारात्मक संदेश दे जाता है. गुजरात के बनासकाठा जिले से ऐसी ही एक खबर आई है. यहां के अमूर्त देसाई ने अपनी बेटी की शादी के दौरान एक ऐसा फैसला लिया, जिसने समाज को जोड़ने का काम किया है.
दरअसल देसाई अपनी बेटी की शादी कर रहे थे. इस दौरान उन्हें दलित समाज की गरीब बच्चियों का विवाद करने का भी ख्याल आया. देसाई चाहते थे कि बेटी के साथ ही मंडप में एक साथ दलित समाज की लड़कियों की भी शादी हो, ताकि समाज को एक संदेश दिया जा सके. देसाई ने पहले अपनी बेटी से और फिर बेटी के ससुराल वालों से इसकी स्वीकृति ली. फिर गांव वालों से भी इस संबंध में चर्चा की. सभी लोगों ने न सिर्फ इसको लेकर हामी भर दी बल्कि इस पूरे कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर सहयोग करने को भी तैयार हो गए.
इसके बाद करीब 3 हजार लोगों की मौजूदगी में पालनपुर के पाटन हाउस में 26 अप्रैल को यह सामूहिक विवाह संपन्न हुआ. विवाह का सारा खर्च अमूर्त देसाई ने उठाया. देसाई ने भेंट स्वरूप सभी को घर के उपयोग में आने वाला सामान भी दिया.
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