केंद्र सरकार और किसानों के बीच कृषि बिल को लेकर मामला उलझता जा रहा है। आज दोनों पक्षों के बीच 8वें दौर की बातचीत हुई, लेकिन एक बार फिर बैठक बेनतीजा ही रही। आलम यह हो गया कि बैठक में सरकार की ओर से शामिल तीनों मंत्री बैठक से बाहर निकल कर चले गए। बैठक में कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर और उनके साथी मंत्री किसानों से बातचीत में शामिल थे।
8वें दौर की बैठक कुछ अलग थी। अब तक हुई शांति पूर्ण बैठक में आज किसान नाराज हो गए। खबर है कि एक समय ऐसा आया जब सरकारी नुमाइंदों और किसानों के बीच बहस होने लगी। ऐसे में एक वक्त बैठक में शामिल तीनों मंत्री बैठक से निकल गए। तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े किसान ने सरकार से बड़ी घोषणा करते हु दो टूक कहा कि उनकी ‘घर वापसी’ तभी होगी जब वह इन कानूनों को वापस लेगी। लेकिन सरकार ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया और कानून में बदलाव करने की बात कही। इसके बाद बैठक में बहस का दौर शुरू हो गया। इस दौरान सरकार ने दावा किया कि कई राज्यों में किसानों ने इन कानूनों का अच्छा मानते हुए इन्हें स्वीकार कर लिया है। आपको भी पूरे देश का हित समझना चाहिए। लेकिन किसान सरकार को ही कठघरे में खड़ा करने लगे।

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