आदिवासी समाज के युवाओं की पढ़ाई बीच में ही रुक जाना एक बड़ी समस्या रही है। पढ़ाई के पढ़ते खर्चे को परिवार झेल नहीं पाता और नतीजा यह होता है कि ज्यादातर छात्रों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है। ओडिशा सरकार ने इसको देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने 5 जनवरी को सलाना आदिवासी मेले का उद्धाटन करते हुए इस दिशा में बड़ी घोषणा की है। उन्होंने इस दौरान शहीद माधो सिंह हाथ खर्चा योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत सरकार राज्य भर के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में नौवीं और 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रत्येक आदिवासी छात्र-छात्राओं को पांच हजार रुपये की सहायता देगी। योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने 1.6 लाख आदिवासी छात्रों को 80 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी। मुख्यमंत्री माझी ने ऐलान किया कि राज्य सरकार हर साल लगभग दो लाख आदिवासी छात्रों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
बता दें कि ओडिशा की कुल जनसंख्या का लगभग एक चौथाई (23%) अनुसूचित जनजाति / आदिवासी समुदाय है। यह भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 8% है। आजादी के बाद आदिवासियों की स्थिति सुधारने के लिए तमाम समितियां बनाई गईं। इसमें मुख्य रुप से 1959 में रेणुका रॉय और 1960 में वेरियर एल्विन समिति रही हैं। इसने आदिवासियों के बीच शिक्षा के विकास के साथ-साथ उनके संपूर्ण विकास के लिए कई सिफारिशें दी। लेकिन इन तमाम समितियों की योजनाएं धरी रह गई। यूनिसेफ की वेबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के आदिवासी समुदाय में बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल जाना छोड़ देते हैं और लगभग 50 % लड़कियों की कम उम्र में शादी हो जाती है।
अब देखना होगा कि ओडिशा सरकार के इस फैसले को जमीन पर कितना उतारा जाता है। और इससे आदिवासियों के बीच शिक्षा का स्तर कितना सुधरता है। जहां तक शहीद माधो सिंह हाथ खर्च योजना की बात है तो इसका लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरु हैं। www.scholarship.odisha.gov.in पर जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
सिद्धार्थ गौतम दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हैं। पत्रकारिता और लेखन में रुचि रखने वाले सिद्धार्थ स्वतंत्र लेखन करते हैं। दिल्ली में विश्वविद्यायल स्तर के कई लेखन प्रतियोगिताओं के विजेता रहे हैं।