कानपुर। संविधान में दिए गए सभी को समान अधिकार के बावजूद उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक गांव में दलितों पर अत्याचार का नया मामला सामने आया है, जोकि समाज में व्याप्त भेदभाव को दर्शाता है.
अत्याचार की यह घटना हमीरपुर में राठ कोतवाली के स्यावरी गांव की है. 26 जून की शाम तिजिया के घर में कुंआ पूजन का कार्यक्रम था. कार्यक्रम में सभी रिश्तेदार और गांव वाले मिलकर खुशियां मना रहे थे. उसी रात करीब 10 बजे जब सभी रिश्तेदार और ग्रामीण घर के बाहर दरवाजे पर खाने खाने बैठे, तभी ग्राम प्रधान खूबचंद्र अपने साथ बीरा गांव के निवासी गोपीचंद्र को लेकर अपनी चार पहिया वाहन से वहां आए और दरवाजे के बाहर खाना खा रहे लोगों का खाना रौंदकर चले गए. ग्राम प्रधान को इस पर भी संतुष्टि नहीं मिली, इसलिए ग्राम प्रधान 15 मिनट बाद दोबारा आया और फिर से खाना खा रहे लोगों का खाना कुचल कर निकल गया.
तिजिया और उसके पति ब्रजलाल ने जब प्रधान का विरोध किया तो वह सबके सामने उनकी बेइज्जती करते हुए उन्हें जाति सूचक गालियां देने लगा. जब दोनों ने प्रधान को गाली देने से रोकना चाहा तो प्रधान ने उनके साथ मारपीट शुरु कर दी. खाना खा रहा खूबचंद्र जब बचाने आया तो उसके ऊपर भी बंदूक तान दी और जान से मारने की धमकी देकर चले गए. पीड़िता ने बताया कि प्रधान गुंडा और आपराधिक प्रवृत्ति का है. इनके ऊपर पहले से संगीन धाराओं के मुकदमें चल रहे हैं.
नागमणि कुमार शर्मा की रिपोर्ट
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