गुजरात के बनासकांठा की एक पंचायत का फरमान 30 जून को वायरल हुआ है। इस फरमान में कहा गया है कि मुस्लिम फेरीवालों से सामान नहीं खरीदना है। जो ऐसा नहीं करेगा उस पर 5100 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि इस मामले में पुलिस कार्रवाई करने की बात कह रही है।
घटना गुजरात के बनासकांठा वाघासन समूह की ग्राम पंचायत का है। पंचायत के लेटरपैड पर जारी इस फरमान में मुस्लिम फेरीवालों से सामान खरीदने पर जुर्माने की बात कही गईं थी। इसमें कहा गया हे कि वाघासन गांव के दुकानदारों को उदयपुर में टेलर की हत्या को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के फेरीवालों से सामान नहीं खरीदना चाहिए। इसे पंचायत के लेटरपैड पर जारी किया गया है और इस पर पूर्व सरपंच माफीबेन पटेल के हस्ताक्षर और मोहर है। इस लेटर में कहा गया है-
‘अगर किसी दुकानदार को मुस्लिम व्यापारियों से सामान लेते हुए देखा गया तो उस पर 5100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और वो पैसा गोशाला को दिया जाएगा।’
ये लेटर जब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ तो प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया। दूसरी ओर बनासकांठा प्रशासन की ओर से 2 जुलाई को कहा गया था कि वाघासन समूह की ग्राम पंचायत का वायरल हो रहा लेटर पैड आधिकारिक नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, बनासकांठा जिला विकास अधिकारी स्वप्निल खरे ने कहा कि लेटर पैड पर जिस व्यक्ति ने हस्ताक्षर हैं, उसके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरपंच पद अभी खाली है। इसके लिए चुनाव होना है और फिलहाल, पंचायत वर्तमान में एक प्रशासक के अधीन है। खरे ने कहा, इस पर प्रशासक ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें कहा गया है कि (पहले) जारी किया गया पत्र निराधार है और किसी को भी इसका पालन करने की जरुरत नहीं है। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात भी कहीं गईं थी।
उसी तरह की ऐक और घटना गुजरात के बनासकांठा के सेद्रासना गांव 3 जुलाई को सामने आई है। सेद्रासना गांव में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें कुछ पोस्टरों की तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमे लिखा गया है-
‘व्यापार के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस गांव में आना सख्त मना हे,हिंदू राष्ट्र का सेद्रासण गांव.
लेकिन 4 जुलाई को सेद्रासण गांव के सरपंच ने कहा कि पोस्टर और बैनर रात को दस बजे के बाद अपरिचित व्यक्ति द्वारा लगाया गया है क्योंकि रात दस बजे तक वो गांव में मौजूद थे, तब तक कुछ भी नहीं था। सुबह मुझे ख़बर मिलते ही मैंने पोस्टर और बैनर हटा दिया है। अब आगे कोई इश्यू ना बने इसके लिए में भी चिंतित हूं।
लेकिन जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों के बारे में सरपंच से सवाल किया गया तो उन्होंने उसपर कोई जवाब नहीं दिया। इन दोनों दोनो घटना पर प्रशासन कार्रवाई करने की बात कर रहा है लेकिन अभी तक इस संबध में कोई भी कारवाई नहीं हुई है।
रिपोर्ट- मोहंमद चारोलीया
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