गुजरात में जिग्नेश मेवाणी, हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर को एक तिकड़ी के रूप में देखा जाता है. गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को 99 पर रोक देने में कहीं न कहीं इन तीनों युवा नेताओं की भूमिका रही. खासकर जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल ज्यादा करीब माने जाता हैं. लेकिन हाल ही में जमीन से जुड़े एक मामले में मेवाणी और पटेल आमने-सामने दिखे.
असल में कुछ दिनों पहले ही अहमदाबाद के गीतापुरा गांव के पांच दलित परिवारों ने आवासीय प्लॉट की मांग को लेकर देतरोज में ऑफिस के बाहर धरना शुरू कर दिया. इस दौरान जिग्नेश मेवाणी ने वहां पहुंच कर दलितों की मांग का समर्थन किया. वहीं गांव के पाटीदारों ने इसे ग्राम पंचायत की जमीन बताते हुए इसे दलितों को देने का विरोध किया और वो भी धरने पर बैठ गए. पाटिदार समाज के लोग तहसीलदार ऑफिस पर भी धरने पर बैठे, जिसमें शामिल होने हार्दिक पटेल भी पहुंचे.
इस पूरे मामले पर जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल अलग-अलग पक्ष के साथ खड़े दिखे. तो वहीं हार्दिक पटेल ने इस मामले पर ट्वीट करते धरने पर बैठे दलितों को गुंडों द्वारा जमीन पर जबरदस्ती अतिक्रमण करार दिया. हार्दिक के इस ट्विट से दलित समाज के लोगों में काफी गुस्सा है.
हालांकि प्रशासन ने दलित परिवारों को अपने खेतों को गैर-कृषि भूमि में बदलकर घर बनाने की अनुमति देते हुए मामले को सुलझा लिया, लेकिन हार्दिक पटेल की ‘अपमानजनक टिप्पणी’ के खिलाफ वो जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने की तैयारी में हैं. हालांकि दलितों के गुस्से को देखते हुए हार्दिक पटेल द्वारा आपत्तिजनक शब्दों के लिए माफी मांग लेने की खबर है.
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