नई दिल्ली। हरियाणा की सिंगर और डांसर हर्षिता दहिया की मंगलवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई. हर्षिता कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद राजकुमार सैनी की प्रस्तावित रैली के विरोध में हुई एक बैठक से लौट रही थी. वह अपनी कार से सोनीपत की तरफ जा रही थी. पानीपत के पास इसराना में एक कार ने उन्हें ओवरटेक किया. कार से हर्षिता को उतार कर गोली मार दी.
जानकारी के मुताबिक, हर्षिता का खरखौदा के दो कलाकारों से विवाद था. दोनों म्यूजिक कंपनी चलाते हैं. विवाद होने पर दोनों ने हर्षिता को धमकी दी थी. इस पर 12 अक्टूबर को हर्षिता ने खाप को एकत्रित होने के लिए कहा था.
हर्षिता ने कहा था, ‘कुछ दिन पहले तक बहन कहने वाले आज मुझे पीठ पीछे धमकी दे रहे हैं. हिम्मत हैं तो सामने आएं. वह कहते हैं कि 376 और 302 से नहीं डरते. मैं भी धारा 302 से नहीं डरती. मुझे अनाथ बता रहे हैं. हां, मैं अनाथ हूं. इसका फायदा उठाऊंगी. मैं धारा 302 लगवाकर जेल जाऊंगी, क्योंकि मेरे पीछे रोने वाली मां नहीं है.’
इसके बाद सिंगर ने कहा, ‘तुम जान लो कि मेरे भाई तुम्हें छोड़ेंगे नहीं. दहिया खाप इकट्ठा हो गई तो पता चल जाएगा. या तो मैं तुम्हें मारूंगी या खुद फांसी लगा लूंगी. लेकिन इज्जत पर कोई सवाल सहन नहीं करूंगी.’
पुलिस के सामने एक हैरान कर देने वाला सवाल ये भी है कि कार में हर्षिता के साथ एक सिंगर निशा और दो अन्य लोग भी बैठे थे. लेकिन बदमाशों ने हर्षिता को कार से खींचकर नीचे उतारा और उसे गोली मार दी. इस दौरान बाकी अन्य लोगों को खरोंच तक नहीं आई है. पुलिस इस मामले में कार में सवार तीनों लोग से भी पूछताछ कर रही है. पुलिस ने कहा कि हम पता लगा रहे हैं कि हर्षिता को कौन धमकी दे रहा था. हमलावरों की तलाश में पुलिस की कई टीमें जुटी हैं.
हर्षिता हरियाणवी सिंगर और डांसर थी. उसे लगातार हत्या की धमकी भी मिल रही थी. कई बार फेसबुक पर इस बारे में बताया भी था. पुलिस इन धमकियों को देने वालों की जांच कर रही है. फेसबुक पर किए गए भद्दे कमेंट की भी पुलिस जांच कर रही है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।