नई दिल्ली। हरियाणा बोर्ड के छात्र इस बार बेहद परेशानी का सामना कर रहे हैं. असल में दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाले हरियाणा बोर्ड के छात्रों का दाखिला रद करने की चेतावनी डीयू समिति ने दी है. यह चेतावनी उन्होंने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को मेल लिखते हुए दी है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों ने जब ऑनलाइन अंक पत्र और मूल अंकपत्र के अंकों में अंतर देखा तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के छात्रों को दाखिला देने से मना किया. कुछ कॉलेजों ने छात्रों ये यह भी कहा कि वह अपने स्कूल के प्रिंसिपल से यह लिखवा कर लाएं कि जो अंकपत्र दिया गया है वह सही है.
ज्ञात हो कि डीयू पहले प्रमुख बोर्डो से उनके यहां के अंकपत्र की सीडी या ऑनलाइन मार्कशीट का लिंक ले लेता है जिससे दाखिला देते समय वह मूल प्रमाणपत्र के साथ अंकों का मिलान कर सके और यह पुष्ट कर सके कि छात्र ने जो प्रमाणपत्र दिया है वह सही है. इसके अलावा भी वह छात्रों से शपथ पत्र लेता है कि यदि कोई प्रमाणपत्र गलत पाया गया तो वह दाखिला रद कर देंगे. डीयू के कॉलेजों ने हरियाणा बोर्ड के छात्रों के ऑनलाइन अंकपत्र देखने के बाद उनको दाखिला दे दिया लेकिन जब प्रमाणपत्र आया तो उसमें अंतर था.
तीसरे कटऑफ तक जब हरियाणा बोर्ड के छात्र मूल अंकपत्र के आधार पर दाखिला लेने आए तो उसमें अंतर आने पर कॉलेजों ने दाखिला देने से मना कर दिया. इसके बाद मामला दाखिला समिति तक पहुंचा. इसके बाद दाखिला समिति ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को मेल भेज कर स्पष्टीकरण मांगा. लेकिन रविवार रात तक हरियाणा बोर्ड की तरफ से कोई पत्र या मेल डीयू को प्राप्त होने की सूचना नहीं है.
डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हरियाणा बोर्ड को हमने एक मेल लिखा है लेकिन उसका कोई उत्तर नहीं आया है. हम छात्रों की परेशानी से अवगत हैं और एक बार फिर बोर्ड इस बाबत लिखें है कि यदि वह इसे स्पष्ट नहीं करते हैं तो हमें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सभी छात्रों का दाखिला रद करना पड़ेगा. ज्ञात हो कि इस वर्ष हरियाणा बोर्ड से रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों की संख्या 9093 है. यह संख्या सीबीएसई और उत्तर प्रदेश बोर्ड के बाद सबसे अधिक है.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।