चंडीगढ़। बलात्कारी बाबा राम रहीम के जेल जाने के बाद अब राधे मां की बारी है. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को खुद देवी बताने वाली राधे मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पंजाब के फगवाड़ा निवासी सुनील मित्तल की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब पुलिस को राधे मां के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया.
दरअसल, फगवाड़ा निवासी सुरेंद्र मित्तल ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर स्वंयभू देवी अवतार राधे मां के खिलाफ मामला दर्ज कराने की अपील की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कपूरथला पुलिस को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने पुलिस से पूछा है कि अब तक इस मामले में FIR क्यूं नहीं दर्ज की गई. सुरेंद्र मित्तल ने कुछ महीने पहले राधे मां के खिलाफ पंजाब पुलिस को शिकायत दी थी कि राधे मां उसको रात-बेरात फोन करके परेशान करती है और डरा-धमकाकर उसे अपने खिलाफ बोलने से रोकने की कोशिश कर रही है.
Punjab&Haryana HC directs Punjab Police to file FIR against self styled God woman Radhe Ma on plea of Phagwara resident Surender Mittal pic.twitter.com/BxzQskf4BI
— ANI (@ANI) September 5, 2017
पंजाब पुलिस को अब इस मामले में हाईकोर्ट के सामने 13 नवंबर से पहले जवाब देना है. पुलिस को यह भी बताना है कि इस मामले में आपराधिक मामला बनता है या नहीं. अगर आपराधिक मामला बनता है तो अब तक इस मामले में FIR दर्ज क्यों नहीं की गई.
क्या है पूरा मामला
खुद को देवी कहने वाली राधे मां ने तकरीबन 15 साल पहले पंजाब के फगवाड़ा में एक जागरण किया था. इस दौरान राधे मां का विरोध शुरू हो गया. ये प्रदर्शन तीन घंटे बाद तब खत्म हुआ था, जब राधे मां ने माफी मांग ली. इस विरोध की अगुवाई सुरिंदर मित्तल ने ही की थी. सुरिंदर मित्तल का आरोप है कि उनके फोन पर राधे मां लगातार उन्हें परेशान करने वाले वॉट्सऐप मेसेज और कॉल्स करती रही हैं. शिकायत में राधे मां समेत 5 लोगों पर आरोप हैं. फगवाड़ा पुलिस इस मामले में सुरिंदर मित्तल के बयान दर्ज करा चुकी है. सुरिंदर फोन की रिकॉर्डिंग भी पंजाब पुलिस को दे चुके हैं.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।