नई दिल्ली। हिंदी के युवा साहित्यकार-आलोचक डॉ. राम भरोसे का आईआईएस के लिए चयन किया गया है. डॉ. भरोसे दलित साहित्यकार तौर पर भी प्रसिध्द हैं. शनिवार को प्राप्त खबर के मुताबिक सामाजिक अध्ययन एवं मानविकी विज्ञान अनुसन्धान क्षेत्र में प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय संस्था भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आई.आई.ए.एस.) राष्ट्रपति निवास, शिमला-हिमाचल प्रदेश में सह-अध्येता (एसोसिएट) के रूप में चयन हुआ है.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था में डॉ. राम भरोसे जी का अनुसन्धान हेतु चयन होना सम्पूर्ण उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है. डॉ. राम भरोसे ‘वर्तमान साहित्यिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में दलित साहित्य की प्रमाणिकता, मूल्यांकन और प्रासंगिकता’ विषय पर अनुसन्धान कर रहे हैं.
इस खुशखबरी के बाद प्रशंसक इनको बधाईयां दे रहे हैं. प्रशंसकों का कहना है कि यह न केवल हमारे समाज के लिए गर्व की बात है. हमारी और से इनको इस महती कार्य हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं, और ये कामना करते हैं कि ये इसी प्रकार अपने अनुसन्धान से समाज और साहित्य प्रेमियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे.
उल्लेखनीय है डॉ. राम भरोसे अनेक सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हैं, इन संस्थाओं के माध्यम से हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल व देहरादून क्षेत्र में विविध सामाजिक परिवर्तन भी आया है. इनके द्वारा स्थापित सामाजिक संस्था ‘प्रगत भारत संस्था’ हरिद्वार परिक्षेत्र में गरीब बच्चों के लिए विगत दस वर्षों से कार्य रही है.
डॉ. राम भरोसे एस.बी.सी. राजकीय महाविद्यालय, पोखरी टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड में हिंदी विषय में असिस्टेन्ट प्रोफेसर पद पर कार्यरत है. दलित साहित्य के क्षेत्र में डॉ. राम भरोसे का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उनको राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरुस्कार प्राप्त हैं. उनकी पुस्तक ‘दलित विमर्श तथा प्रेमचंद साहित्य’ हिंदी आलोचना क्षेत्र में चर्चित रही है. सामान्य परिवार में जन्मे डॉ. राम भरोसे जी कविता, कहानी, आलोचना विधाओं में लेखन कर रहे हैं.
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