नई दिल्ली । देश में प्लास्टिक से बनाए जाने वाले राष्ट्रीय झंडे का इस्तेमाल, खरीद या बिक्री कि तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा सकता है और आपको जेल भी हो सकती है. गृहमंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को फ्लैग कोड का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है.
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जल्दी ही प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वजों पर प्रतिबंध का आदेश जारी करेंगे’’. मंत्रालय ने सभी लोगों से आग्रह भी किया कि वह प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय झंडे का उपयोग न करें. इतना ही नहीं एडवाजरी भी जारी की है राष्ट्रीय ध्वज देश के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को दर्शाता है और इसलिए इसे सम्मान प्राप्त होना चाहिए.
मंत्रालय ने ध्यान दिलाते हुए कहा के महत्वपूर्ण अवसरों पर कागज के तिरंगे की बजाय प्लास्टिक के तिरंगे का इस्तेमाल किया जा रहा है. परामर्श के मुताबिक, चूंकि प्लास्टिक से बने झंडे लंबे समय तक नष्ट नहीं होते हैं और ये वातावरण के लिए हानिकारक होते हैं. प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय झंडों का सम्मानपूर्वक उचित निपटान सुनिश्चित करना एक समस्या है. इसके अलावा, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के बाद अक्सर प्लास्टिक से बने ध्वजों के सड़कों और गटरों पर पड़े पाए जाने की शिकायतें आती हैं.
ऐसे में झंडों का निपटारा उनकी मर्यादा के अनुरूप एकांत में किया जाए. प्लास्टिक से बने झंडे का उपयोग ना करने के बारे में व्यापक प्रचार इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में विज्ञापन के साथ किया जाए.
गंधर्व गुलाटी

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