भारत का अमेरिका, जापान संग नौसैनिक अभ्यास शुरू

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चेन्नई। भारतीय नौसेना ने अमेरिकी व जापानी नौसेनाओं के साथ सोमवार को सबसे बड़ा अभ्यास शुरू कर दिया है. बता दें की बंगाल की खाड़ी में पांच दिनों तक तीनों देश एक दूसरे से अपनी रणनीति साझा करेंगे. इससे तीनों के बीच सैन्य गठबंधन में मजबूती आने की संभावना है.

युद्धाभ्यास में 95 विमान, 16 जहाज व दो पनडुब्बियों को शामिल किया गया है. बंगाल की खाड़ी में अमेरिकी जहाज निमित्ज, गाइडेड मिसाइल क्रूज प्रिंसटन, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर हावर्ड, शूप, किड, ए पॉसीडान पी-8ए विमान व लॉस एंजिलिस की तेज रफ्तार पनडुब्बी की क्षमता का प्रदर्शन हो रहा है. इसके साथ जापान का जहाज जेएस आइजूमो, एसएस सजानी और भारत का जलस्वा व आइएनएस विक्रमादित्य भी अपने शौर्य का एहसास करा रहा है.

भारत के समुद्री क्षेत्र में अतिक्रमण करने के साथ जिस तरह से बीजिंग दक्षिण चीन सागर में अपनी हरकतें बढ़ा रहा है उसमें अमेरिका व जापान के साथ भारत की नौसेना का साथ आना अहम है. इससे चीन को कड़ा संदेश मिलेगा. अमेरिका के रियर एडमिरल विलियम डी बर्न जूनियर का कहना है कि साझा अभ्यास न केवल चीन के लिए रणनीतिक संदेश है बल्कि उत्तर कोरिया व उस जैसे कई और देशों को भी हमारी चेतावनी है. उधर भारत के फ्लैग अफसर ईस्टर्न नेवल कमांड के कमांडिंग इन चीफ एचसीएस बिष्ट ने कहा कि इससे हमें एक दूसरे की तकनीक व मजबूत पक्ष को समझने में सहायता मिलेगी.

रवि शास्त्री बने टीम इंडिया के कोच

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Ravi Shastri

नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच नियुक्‍त किया गया है. उन्हें दो साल के लिए टीम इंडिया का कोच बनाया गया है. शास्त्री वर्ल्‍ड कप 2019 तक टीम की कमान संभालेंगे. कोच की दौड़ में शास्‍त्री के अलावा वीरेंद्र सहवाग और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर टॉम मूडी का नाम चल रहा था, लेकिन सीएसी ने शास्त्री के नाम पर मुहर लगा दी, जो कप्तान विराट कोहली की भी पसंद हैं.

इससे पहले मंगलवार को उस समय भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के चयन में एक और मोड़ आ गया, जब सर्वोच्च अदालत द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कामकाज देखने के लिए बनाई गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बोर्ड से कहा कि राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के नाम की घोषणा आज ही (मंगलवार को) की जाए. सूत्रों की मानें तो सीओए मानना था कि कोच के नाम की घोषणा के लिए किसी का इंतजार नहीं किया जाए और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) अपना फैसला बोर्ड को बताए. पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय सीएसी ने सोमवार को कोच चयन को नाटकीय मोड़ देते हुए अपना फैसला रोक लिया था और कहा था कि वह टीम के कप्तान विराट कोहली से बात करने के बाद कोच के नाम का ऐलान करेगी. सीएसी ने सोमवार को पांच लोगों के इंटरव्यू लिए थे. इन पांच लोगों में रवि शास्त्री, वीरेंद्र सहवाग, रिचर्ड पायबस, लालचंद राजपूत और टॉम मूडी शामिल रहे. गांगुली ने सोमवार को कोच पद के लिए इंटरव्यू लेने के बाद कहा था, “हमने फैसला किया है कि हम कुछ समय के लिए कोच पद के नाम की घोषणा को रोकेंगे. हमें इसके लिए कुछ और दिनों की जरूरत है और साथ ही हम कुछ संबंधित लोगों से बात करना चाहते हैं. इसके बाद हम अंतिम फैसला लेते हुए कोच के नाम का ऐलान करेंगे. हम इस समय किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं.” दरअसल, सीओए के अध्यक्ष विनोद राय हैं और इसके सदस्यों में विक्रम लिमिए और डायना इडुल्जी शामिल हैं. कोच की दौड़ में शास्त्री का नाम सबसे आगे माना जा रहा था. इसकी वजह कप्तान कोहली और शास्त्री के संबंध थे. कोहली, शास्त्री के पक्ष में खड़े थे. गौरतलब है कि अनिल कुंबले ने कप्तान कोहली से मतभेद की बात स्वीकार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका कार्यकाल 18 जून को संपन्न हुए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी तक का था, बोर्ड ने विंडीज दौरे तक उनके कार्यकाल को विस्तार दिया था, लेकिन, कुंबले ने अचानक इस्तीफा दे दिया और विंडीज दौरे पर भारतीय टीम के साथ नहीं गए.

दलित महिला का हुआ गैंगरेप, जिससे शिकायत की उसने भी किया शोषण

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crime against women

जयपुर। केंद्र सरकार और राज्य सरकारे महिलाओं की सुरक्षा के लिए आए दिन कड़े कानून बनाते है. लेकिन उन कानूनों से महिलाओं को सुरक्षा नहीं मिल रही है. आए दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार जैसी घटनाएं होती है. ऐसा ही एक मामला जयपुर के गढ़टकनेत से सामने आया. घर से खेत जाते समय युवती का अपहरण कर लिया. आरोपी उसे लेकर घूमते रहे और इस दौरान कई बार उसके साथ गैंग रेप किया. सीकर जिले के अजीतगढ़ थाना इलाके में दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. इस संबंध में पीड़िता ने गांव के ही दो युवकों सहित आठ लोगों के खिलाफ अपहरण और ज्यादती करने का मामला दर्ज करवाया है.

पुलिस ने युवती का मेडिकल करवाया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. अजीतगढ़ थाना के प्रभारी मंगलाराम ने बताया कि गढ़टकनेत निवासी युवती ने रिपोर्ट दी है कि गिरिराज वर्मा और संदीप योगी सहित आठ लोग उसका अपहरण कर ले गए. उसे पहले जयपुर और यहां से अहमदाबाद सहित कई शहरो में ले जाकर उससे सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया. बाद में आरोपी उसे जयपुर के सिंधी कैम्प बस स्टैंड पर छोड़कर फरार हो गए.

बदहवास हालत में युवती जैसे—तैसे घर पहुंची और परिजनों को आपबीती बताई. इस पर परिजन उसे लेकर आज थाने पहुंचे और मामला दर्ज कराया. पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर युवती का मेडिकल करवाया है. अब पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है. गौरतलब है कि युवती 29 मई को घर से खेत में जाने के दौरान लापता हो गई थी.

साउथ के सुपरस्टार दिलीप यौन उत्पीड़न में गिरफ्तार

केरल। साउथ के मशहूर अभिनेता दिलीप पर एक अभिनेत्री के अपहरण और यौन के आरोप लगे हैं. सोमवार को केरल पुलिस ने दिलीप को गिरफ्तार किया था. यौन उत्पीड़न मामले में अभिनेता दिलीप को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. केरल के पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने बताया कि अभिनेता दिलीप को तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री के अपहरण और यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में अभिनेता दिलीप मुख्य आरोपी हैं. पुलिस के पास उनके खिलाफ काफी सबूत हैं.

दिलीप की पैरवी के लिए अदालत में पेश हुए मशहूर वकील के. रामकुमार ने बताया कि अभिनेता पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा कि दिलीप की जमानत के लिए अर्जी दायर की गई है. मुमकिन है, बुधवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई हो.

जानकारी के अनुसार 17 फरवरी को तमिल, तेलुगु फिल्मों की एक मशहूर अभिनेत्री का त्रिशूर से कोच्चि जाते हुए बीच में अपहरण कर लिया गया था. अपहरण किए जाने के करीब दो घंटे बाद अभिनेत्री को निर्देशक-अभिनेता लाल के घर के बाहर फेंक दिया गया था. इस घटना ने राज्य के लोगों को सकते में डाल दिया था. अभिनेता की गिरफ्तारी के बाद लोगों ने जगह-जगह प्रदर्शन कर उनका पुतला फूंका.

 

किताब में रोजे को बताया ‘संक्रमण वाली बीमारी’

eidgah

अहमदाबाद। किताबें बच्चों को सही गलत का फर्क समझाती है. किताबों पढ़ने से बच्चों को नई-नई जानकारियां मिलती है. लेकिन गुजरात में पढ़ाई जाने वाली हिंदी की किताब बच्चों को गलत जानकारी दे रही है. ये जानकारी सिर्फ गलत ही नहीं, एक समुदाय की भावना को भी ठेस पहुंचा रही है. गुजरात में पढ़ाई जा रही एक हिंदी की किताब में रोजे को एक संक्रामक रोग बताया गया है. गुजरात राज्य विद्यालय पाठ्यपुस्तक बोर्ड (जीएसएसटीबी) की उस किताब में लिखा है कि इस रोग में दस्त और उल्टी आती है. जिस किताब में ऐसा लिखा गया है वह वहां चौथी क्लास को पढ़ाई जा रही है.

यह घटना असामान्य इसलिए नहीं है क्योंकि इससे पहले जीएसएसटीबी की नौंवी की किताब में जीसस क्राइस्ट के बारे में अपमानजनक बात लिखी थी. किताब की प्रेमचंद की कहानी ईदगाह में यह गड़बड़ मिली है. किताब के तीसरे पाठ के अंत में रोजा शब्द का मतलब समझाते हुए लिखा गया है कि यह एक संक्रामक रोग है जिसमें दस्त और काई आती है.

इस मामले पर जब जीएसएसटीबी के चेयरमैन नितिन पेठानी से बात की तो उन्होंने इसको प्रिंटिग में हुई गलती बताया. उन्होंने कहा कि वहां रोजा की जगह हैजा होना था. लेकिन गलती से दोनों शब्द आपस में बदल गए. नितिन ने बताया कि 2015 से वह किताब पढ़ाई जा रही है और उसमें पहले कभी ऐसी गड़बड़ नहीं देखी गई. उन्होंने कहा 2017 वाले एडिशन में ही ऐसा हुआ है. नितिन ने कहा कि ऐसी कुल 15,000 प्रतियां छपी होंगी जिनको तुरंत ठीक करवा दिया जाएगा.

जीएसएसटीबी ने दावा किया है कि उनको अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है. लेकिन अहमदाबाद के एक संगठन ने बात को ऊपर तक लेकर जाने को कहा है. उस संगठन को चलाने वाले मुजाहिद नफीस ने कहा कि वह जीएसएसटीबी और राज्य सरकार के खिलाफ शिकायत करेंगे. मुजाहिद ने कहा कि धर्म को लेकर ऐसी गलतियां बर्दाशत नहीं की जाएंगी.

ग्रेजुएट्स के लिए नैनीताल बैंक में नौकरी

नैनीताल बैंक लिमिटेड में ग्रेजुएट्स के लिए कई पदों पर आवेदन निकाले गए हैं. इसके लिए विज्ञापन जारी हो चुका है. पदों का विवरण: क्लर्क आयु सीमा: न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 27 वर्ष शैक्षणिक योग्यता: मान्यता प्राप्त संस्थान से 45% अंकों के साथ स्नातक होना जरूरी. अंतिम तिथि: 24 जुलाई, 2017 ऐसे करें आवेदन: इच्छुक उम्मीदवार संबंधित वेबसाइट पर क्लिक करके सावधानीपूर्वक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी करें. उम्मीदवार आगे की चयन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र का प्रिंटआउट सुरक्षित रख लें. सैलरी: 40000 रुपये प्रति माह संबंधित वेबसाइट का पताः www.nainitalbank.co.in  

अमेरिकी सेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त, 12 लोगों की मौत

वाशिंगटन।  अमेरिका के मिसिसिपी में सेना का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई. चालक दल के लापता सदस्यों की तलाश की जा रही है. मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार सैन्य विमान अपने अधिकार क्षेत्र में सोमवार शाम को दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें 16 लोग सवार थे. मरीन कॉर्प्स ने दुर्घटना की पुष्टि कर दी है लेकिन इसके बारे में और जानकारी नहीं दी.

मरीन कोर के एक अधिकारी ने बयान में कहा कि सोमवार शाम एक विमान दुर्घटना का पता चला था. उन्होंने कहा, “हम कई उच्च तीव्रता वाले विस्फोटों से दूर थे.” विमान के मलबे करीब 5 मील के क्षेत्र में हाईवे के दोनों तरफ बिखरे हुए थे.  अधिकारियों के पास इस बात की जानकारी नहीं थी कि दुर्घटना का कारण क्या था और उड़ान कहाँ से शुरू हुई.

यह दुर्घटना सोमवार शाम चार बजे सनफ्लावर और लेफ्लोर काउंटी के बीच में हुई. दुर्घटनाग्रस्त विमान लॉकहीड मार्टिन केसी-130  चार इंजन वाला टैंकर लगा था, जिसका इस्तेमाल उड़ान के दौरान दोबारा ईंधन भरने और परिवहन के लिए होता है.

सावधान! फिर सक्रिय हो रहे हैं साधु-संत

ram mandir

आमतौर पर लोग अप्रतिरोध्य बनकर उभरी भाजपा की शक्ति के प्रमुख स्रोत के रूप में डॉ.हेडगेवार द्वारा स्थापित आरएसएस को ही चिन्हित करते हैं, जो गलत भी नहीं है. किन्तु हरि अनंत हरि कथा अनंता की भांति भाजपा की शक्ति के स्रोत भी अनंत हैं. संघ के बाद इसके दूसरे प्रमुख शक्ति के स्रोत में नजर आते हैं, वे साधु-संत जिनका चरण-रज लेकर देश के पीएम-सीएम और राष्ट्रपति-राज्यपाल तक खुद को धन्य महसूस करते रहे हैं.

मंडलोत्तर काल में गृह-त्यागी व अपार शक्तिसंपन्न प्रायः 90 प्रतिशत इसी साधू समाज का आशीर्वाद भाजपा के साथ रहा है. अगर साधु-संतों के प्रबल समर्थन से भाजपा पुष्ट नहीं होती, अप्रतिरोध्य बनना शायद उसके लिए दुष्कर होता. बहरहाल जिन संतों ने भाजपा को अप्रतिरोध्य बनने में अब तक बड़ा योगदान दिया. वे एक बार उसके राम मंदिर निर्माण अभियान में योगदान करने के लिए फिर सक्रिय हो उठे हैं. इसका अनुमान अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की नई खेप आने से उनमे बढ़ी सरगर्मियों से लगाया जा सकता है. विवादित इमारत में रामलला की मूर्ति रखने के आरोपी रहे अभिरामदास के शिष्य एवं उत्तराधिकारी महंत धर्मदास ने पत्थरों की नयी खेप पहुंचने से उत्साहित होकर कहा है कि पत्थरों की आवक अत्यंत उत्साहजनक है और इससे जाहिर होता है कि मंदिर निर्माण की तैयारियां पुख्ता हैं. पूरा विश्व राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण चाहता है और उन्हीं लोगों को आपत्ति है , जो राजनीतिक और वैक्तिक स्वार्थ की वजह से मंदिर का विरोध कर रहे हैं.

वहीँ इस पर राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं शीर्ष पीठ मणिरामदास की छावनी के महंत नृत्यगोपालदास ने अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा है कि केंद्र में मोदी एवं प्रदेश में योगी की सरकार होने से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ है और प्रबल उम्मीद है कि राम मंदिर का निर्माण अति शीघ्र शुरू होगा. लेकिन साधु-संत राम मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका अदा करने का मन बना चुके हैं. इसका बेहतर संकेत रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं शीर्ष पीठ मणिराम दास जी की छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के 79 वें जन्मोत्सव के अंतिम दिन छावनी परिसर में आयोजित संत सम्मलेन में ही देखने को मिल गया था.

वह सम्मलेन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के 31 मई की चर्चित व विवादित अयोध्या यात्रा के ठीक एक सप्ताह बाद आयोजित हुआ था. उसका संचालन रामकुंज के महंत डॉ.रामानंददास एवं अध्यक्षता जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद ने किया था. जिसमें भाजपा के नेता सुब्रह्मणयम स्वामी, केंद्र सरकार के पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द, मंदिर आन्दोलन को धार दे चुकीं विदुषी ऋतंभरा, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास, रामायणी रामशरणदास, मध्य प्रदेश के मंत्री एवं बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक जयभान सिंह पवैया ने भी विचार रखे थे . लेकिन उक्त सम्मलेन जिनके भाषण में संतों की भावना का सम्पूर्ण प्रतिबिम्बन हुआ, वह थे विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ.प्रवीण तोगड़िया.

तोगड़िया ने राम मंदिर निर्माण में मोदी सरकार की ढिलाई पर निशाना साधते हुए कहा था कि राम जन्मभूमि पर राम मंदिर और देश में रामराज्य चाहिए. उन्होंने अयोध्या में ढांचा ध्वंस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेताओं को साजिशकर्ता बताये जाने पर रोष प्रकट करते हुए आगे कहा था कि ‘मौजूदा सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था सीबीआई ने कैसे अपने आरोपपत्र में आडवाणी, ऋतंभरा, विनय कटियार जैसे मंदिर आन्दोलन के नायकों को साजिशकर्ता बताया. सीबीआई न्यायालय में एडीशनल चार्ज शीट प्रस्तुत कर बताये कि ध्वंस में मंदिर आन्दोलन से जुड़े नेताओं ने कोई साजिश नहीं की. ध्वंस की साजिश में कोई हिन्दू नेता जेल गया तो माना जाएगा कि देश में एक भी हिन्दू सुरक्षित नहीं है.

लेकिन उनका असल संदेश यह था- ‘राम मंदिर निर्माण का एक ही रास्ता है कि सरकार कानून पारित करे. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है तो, संसद का संयुक्त अधिवेशन आहूत किया जाय. आपसी सहमति के लिए वार्ता करने की सलाह उसी तरह है कि बाप के हत्यारे से समझौते का सुझाव दिया जाय. राम तो हमारे बाप के बाप हैं, उनका मंदिर तोड़ने वालों की वकालत करने वालों से बात-चीत संभव नहीं. राम जन्मभूमि जमीन का टुकड़ा या कोई भवन का सवाल नहीं है, बल्कि यह सौ करोड़ लोगों की श्रद्धा का विषय है और इसका निर्धारण न्यायालय नहीं कर सकता.

बहरहाल तोगड़िया के उपरोक्त भाषण को, योगी के नेतृत्व में राम मंदिर निर्माण के नए अभियान का जो आगाज हो रहा है उसमें, साधु-संतों की नयी भूमिका से जोड़कर देखने से भिन्न कोई उपाय नहीं है. यह साफ़ दिख रहा है कि संघ व भाजपा से जुड़े तमाम लेखक-पत्रकार, धन्ना सेठ और मीडिया राम मंदिर निर्माण में अपना-अपना योगदान देने के लिए तत्पर हो गए हैं. ऐसे में उसके स्वाभाविक संगी संत ही पीछे क्यों रहते. लिहाजा मौका माहौल देखकर संतों ने भी भाजपा नेतृत्व को आश्वस्त कर दिया है.

बहरहाल यह काबिले गौर है कि संघ के राजनीतिक संगठन भाजपा की मुख्य राजनीतिक रणनीति हिन्दू धर्म-संस्कृति के उज्जवल पक्ष के गौरवगान तथा अल्पसंख्यक, विशेषकर मुस्लिम विद्वेष का प्रसार है, जिसके लिए वह मुख्यतः गुलामी के प्रतीकों के उद्धार का अभियान चलाती है. ऐसा करने के क्रम में उसे हिन्दू धर्म संस्कृति को गौरवान्वित करने व आक्रान्ता के रूप में मुसलमानों के खिलाफ विद्वेष प्रसार का अवसर मिल जाता है. इस अभियान के साथ आमजन का जुड़ जाना उतना विस्मित नहीं करता. किन्तु जो साधु-संत दिन-रात जगत मिथ्या, ब्रह्म सत्य का उपदेश देते हैं, उनका गुलामी के प्रतीकों के उद्धार अभियान में भाजपा से सोत्साह जुड़ जाना जरुर विस्मित करता है.

साधु-संतों का गुलामी के प्रतीकों की मुक्ति अभियान से जुड़ना इतिहास का एक बड़ा परिहास ही कहा जायेगा. कारण, इन्हीं संतों के पूर्ववर्तियों ने जाति-व्यवस्था का निर्माण कर देश को इतना कमजोर कर दिया कि मुट्ठी-मुट्ठी भर विदेशी आक्रान्ताओं को इस देश को लूट का निशाना बनाने में कभी दिक्कत ही नहीं हुई. इनके पूर्ववर्तियों द्वारा बहुजनों के खून-पसीने की गाढ़ी कमाई की अधिकत्तम संपदा देवालयों में जमा करने और उन देवालयों को वेश्यालयों में परिणित करने के कारण ही मुसलमान आक्रमणकारी हमला करने के लिए ललचायें, जिससे शुरू हुआ गुलामी का सिलसिला. परवर्तीकाल में मुसलमान और अंग्रेज शासकों ने भवनों, सड़कों, रेल लाइनों, शिक्षालयों, अस्पतालों और कल-कारखानों इत्यादि के रूप में भारत के चप्पे-चप्पे पर खड़ा कर दिए गुलामी के असंख्य प्रतीक.

लेकिन मुसलमान और अंग्रेज भारत में एक-एक करके खड़े होते उन गुलामी के प्रतीकों को देखकर भी संतों का ध्यान कभी भंग नहीं हुआ . वे ब्रह्म सत्य,जगत मिथ्या के सिद्धांत में आस्था रखते हुए दूध-मलाई , भांग-धतूरों और देवदासियों का भोग लगाने में मस्त रहे . लेकिन जो परजीवी साधु-संत इस्लाम और इसाई भारत में गुलामी के प्रतीकों से निर्लिप्त रहे, वे मंडल उत्तरकाल में सत्ता की लगाम बहुजनों के हाथों जाते देख चैतन्य हो गए. वे तुलसी, सूर, रामानुज स्वामी, भोलानाथ गिरी, बाबा गंभीरनाथ, तैलंग स्वामी, बामा क्षेप, रामदास काठिया बाबा जैसे पूर्ववर्ती संतों की परम्परा का परित्याग कर मिथ्या जगत पर ध्यान केन्द्रित किये.

उन्होंने बहुजनों की जाति चेतना का मुकाबला धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण से करने के लिये सबसे पहले निशाना बनाया गुलामी के प्रतीक बाबरी मस्जिद को. बाबरी मस्जिद के टूटने के फलस्वरूप देश-विदेश में टूटे असंख्य मंदिर. टूटा मुंबई का शेयर बाजार, किन्तु सबसे बड़ी टूटन राष्ट्रीय एकता की हुई. किन्तु भारी नुकसान के विनिमय में जिस तरह ब्राह्मण वाजपेयी के नेतृत्व में सवर्णवादी सत्ता कायम हुई, उससे संतों को गुलामी के प्रतीकों की अहमियत का अहसास हो गया. अहसास हो गया इसलिए संत के रूप विद्यमान ब्राह्मणों का गिरोह एक बार फिर भीषणतम आर्थिक और सामाजिक गैर-बराबरी से उपजी भूख-कुपोषण, अशिक्षा, विच्छिन्नता, राष्ट्र की सुरक्षा इत्यादि की पूरी तरह अनदेखी कर गुलामी के प्रतीकों की मुक्ति की लड़ाई के जरिये, भाजपा के मिशन-2019 को अंजाम देने में जुट गया है.

लेकिन जिस दिन गुलामी के प्रतीकों की मुक्ति–आन्दोलन से मिली सत्ता का उपयोग कर संघ का राजनीतिक संगठन निजीकरण-विनिवेशिकरण के जरिये आरक्षण को महज कागजों की शोभा बनाने में कामयाब हो जाएगा, उस दिन से संत फिर हरि-भजन में निमग्न हो जायेंगे. कारण, तब भारत आर्थिक रूप से विदेशियों का गुलाम बन जायेगा. तब संघ परिवार को गजनी-गोरी, बाबर-ऐबक जैसे पुराने विदेशी खलनायकों की जगह बहुराष्ट्रीय निगमों के रूप में अत्याधुनिक दुश्मन मिल जायेंगे. फिर स्वदेशी की चादर लपेट कर संघ परिवार दलित-आदिवासी-पिछड़ों के साथ मुसलमानों को भी गले लगाकर अत्याधुनिक दुश्मनों के खिलाफ ध्रुवीकरण की नयी पारी का आगाज कर देगा.

-एच.एल.दुसाध. लेखक बहुजन डाइवर्सिटी मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.संपर्क- 9454816191

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने गोपाल कृष्ण गांधी के नाम पर मुहर लगाई

नई दिल्ली।  उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर मोहर लगाने के लिए आज हुई बैठक में महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी के नाम पर सहमती बन गयी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी, सपा, बसपा समेत 18 दलों के प्रमुख शामिल थे. इस बार राष्ट्रपति चुनाव में अलग राह अपनाने वाली जेडीयू भी विपक्ष के साझा उम्मीदवार के साथ खड़ी दिख रही हैं. बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की तरफ से गोपाल कृष्ण गांधी को उतारने की बातें सामने आ रही थीं, लेकिन बाद में मीरा कुमार के नाम पर मुहर लगी. गोपालकृष्ण गांधी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं. वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं. विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, सपा की ओर से नरेश अग्रवाल, बसपा की ओर से सतीश मिश्रा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, जदयू की ओर से शरद यादव मौजूद थे. महात्‍मा गांधी के सबसे छोटे पौत्र गोपाल गांधी की पारिवारिक जड़ें गुजरात में हैं. इस लिहाज से विपक्ष का मानना है कि उनके उम्‍मीदवार बनने से पीएम मोदी के लिए भी राजनीतिक स्थिति सहज नहीं होगी. गौरतलब है कि नौकरशाह से लेकर राजदूत पद के लंबे अनुभव के धनी गांधी लेखन और बौद्धिक जगत में अपनी खास पहचान रखते हैं. जिनके नाम पर सभी की सहमति बन गयी है अब सभी की नजर भाजपा के उम्मीदवार पर होगी, जिसकी घोषणा जल्द ही होगी.    

कब्रिस्तान के गड्ढे में गिरी गाय, मुस्लिमों ने बचाई जान

मुरादाबाद। जहां एक तरफ गाय को लेकर चौतरफा राजनीति जारी है ऐसे में कुछ अच्छी खबरें भी सामने आ रही हैं. देश में गौहत्या को लेकर इस वक्त खूब बवाल वहीं यूपी के मुरादाबाद में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की है. वहां के एक कब्रिस्तान में घास चरने गई गाय क्रब के लिए खोदे गए गड्ढे में जा गिरी. जिसे वहां मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बाहर निकाला.

जानकारी के अनुसार ये घटना रविवार 9 जुलाई की है. मुरादाबाद के शाहबाद रोड के पास स्थित कब्रिस्तान में दोपहर के समय एक गाय घास चरने गई थी. वहां बारिश के कारण कीचड़ भी हो रही थी ऐसे में गाय फिसलकर एक कब्र के पास गहरे गड्ढे में जा गिरी. करीब एक घंटे तक गाय गड्ढे में पड़ी रही. तभी वहां से गुजर रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 100 नंबर पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद लोगों ने गाय को निकालने की कोशिश शुरू कर दी. तभी 100 नंबर पुलिस व कोतवाली के नगर हल्का इंचार्ज अजीत सिंह भी मौके पर पहुंच गए.

गाय को निकालने के रेस्क्यू आपरेशन में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. तकरीबन डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद गाय को सकुशल बाहर निकाला जा सका. इसके बाद दोनों समुदाय के लोगों ने गले मिलकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करने का आह्वान किया और भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की.

अमरनाथ यात्राः आतंकी हमले में 7 की मौत और 32 घायल

amarnath

अनंतनाग। सोमवार की रात दक्षिण कश्‍मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रा से लौट रहे यात्रियों से भरी बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया. दरअसल ये बस पुलिस पार्टी और आतंकियों के बीच चल रही मुठभेड़ के बीच आ गई और इसमें सात यात्री मारे गए. यात्रियों से भरी बस गुजरात में रजिस्टर्ड थी, बस में चालीस यात्री सवार थे, मारे गए सात यात्रियों में पांच गुजरात के और दो महाराष्ट्र के हैं. करीब 15 यात्री जख्मी भी हुए जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. ज्यादातर यात्रियों की हालत स्थिर बनी हुई है. दो को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है, उन्होंने कायराना हमला बताया और कहा कि इस तरह के हमलों से आतंकवाद को खत्म करने के भारत के इरादों को कोई डिगा नहीं सकता. रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा कि इस हरकत से भारत के इरादे और मजबूत हुए हैं. हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस हमले को कश्मीरियत और मुसलमानों के लिए एक दाग बताया है. श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है.

विपक्षी दल के नेताओं ने भी इस हमले की निंदा की है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि फिर ऐसा ना हो. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला ने इस हमले को कश्मीरियत के खिलाफ बताया है.

हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का नाम सामने आ रहा है. जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के आईजी मुनीर खान ने कहा है कि पाकिस्तान के आतंकी इस्माइल ने इस हमले की साजिश की. उनकी मानें तो लश्कर का आतंकी इस्माइल ही इस आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है. जम्मू कश्मीर पुलिस को शक है कि पाकिस्तान में इस हमले की साजिश रची गई और इसका मकसद देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था.

अधिकारियों की मानें तो यह भी हो सकता है कि यह हमला सुरक्षाबलों से बदला लेने के मकसद से अंजाम दिया गया हो. खास बात यह है कि हमला उत्‍तर प्रदेश के संदीप शर्मा की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद हुआ. संदीप कश्‍मीर में लश्‍कर का आतंकी था और पहला गैर-कश्मीरी आतंकी भी है जो पुलिस के हत्थे चढ़ा है.

नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, विहिप और जेकेएनपीपी सहित कई राजनीतिक दलों ने कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के विरोध में आज जम्मू बंद का आव्हान किया है. बंद को देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले के बाद घाटी में तनाव को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. किसी तरह की अफवाहें ना फैलें, इसलिए ऐहतियातन सरकार ने ये कदम उठाया है.

हमले से बेखौफ अमरनाथ यात्रियों का अगला जत्था यात्रा के लिए रवाना हो चुका है. इस जत्थे में करीब 3 हजार यात्री शामिल हैं. पूरे मार्ग में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं.

ये पहला मौका नहीं है जब आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया है. इससे पहले भी वो इस तरह की कायराना हरकत करते रहे हैं. एक अगस्त 2000 को अमरनाथ यात्रा पर सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 30 लोगों की जान चली गई थी. उस हमले को भी लश्‍कर ने ही अंजाम दिया था. लश्‍कर के आतंकियों ने पहलगाम में यात्रा के बेस कैंप को निशाना बनाया था.

खुद को बताया संजय गांधी की बेटी, पहुंची कोर्ट

नई दिल्ली। गांधी परिवार का खुद को वारिस बताने वाली एक महिला सामने आयी है. इस महिला ने खुद को संजय गांधी की “गुप्त संतान”के रुप में दावा ठोका है. महिला ने दिल्ली की एक अदालत में जल्दी रिलीज होने वाली फिल्म “इंदु सरकार”पर तुंरत रोक लगाने की मांग की है. उस महिला ने दावा किया है कि फिल्म में संजय गांधी और उनकी मां इंदिरा गांधी को गलत तरीके से पेश किया गया है. प्रिया सिंह पॉल नाम की एक महिला ने दिल्ली की तीस हजारी अदालत में दायर याचिका में कहा है कि उसे गोद लिए जाने के दस्तावेज झुठे हैं. इस फिल्म में तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश किए जाने की वजह से उसे सबके सामने आना पड़ा है.

प्रिया ने दावा किया कि उनकी उम्र 48 साल है. उसने फिल्म को प्रमाण पत्र देने के खिलाफ केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में अपनी आपत्ति दर्ज करायी है. उसने कहा है कि संजय गांधी की 1980 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी. संजय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे थे. संजय को इंदिरा गांधी का उत्तराधिकारी समझा जाता था. संजय की मौत के बाद उनके बड़े भाई राजीव गांधी राजनीति में आए.

लड़की ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि फिल्म निर्माताओं के अनुसार फिल्म में 30 प्रतिशत तथ्य हैं और 70 प्रतिशत कल्पना मात्र है. पॉल ने कहा कि ये कथित 30 प्रतिशत तथ्य कल्पना को जन्म देते हैं जिससे लोगों के दिमाग में एक खास राय बनेगी. पॉल ने कहा कि वो मीडिया के सुर्खियों में आने के लिए ये सब नहीं कर रही हैं. पॉल के अनुसार वो अपने “पिता” की छवि खराब किए जाने के विरोध में सामने आई हैं. खुद को संजय गांधी का दोस्त बताने वाले गोस्वामी सुशीलजी महाराज नामक व्यक्ति ने अदालत में हलफनामा देकर दावा किया है कि संजय गांधी की शादी से पहले एक “लड़की” थी और उसे इस बात की जानकारी थी. पॉल के अनुसार उन्हें बड़े होने पर अपने जैविक पिता के बारे में पता चला था. यह मसला मीडिया में आने के बाद सुर्खियों में है अब सबकी नजर कोर्ट के फैसले पर है की कोर्ट इस बारे में क्या आदेश देता है.

 

इकॉनोमी क्लास में अब नहीं मिलेगा नॉन वेज

air india

नई दिल्ली। सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया ने कॉस्ट कटिंग के चलते अब इकोनॉमी क्लास में यात्रियों को नॉन-वेज खाना नहीं परोसने का फैसला किया है. एयर इंडिया ने अपनी इकॉनमी क्लास में नॉन-वेज भोजन बंद कर दिया है. अब इकॉनमी क्लास में यात्रियों को शाहकारी भोजन ही मिल पाएगा. कंपनी ने यह फैसला घरेलू उड़ानों के लिए किया है. अधिकारियों का कहना है कि लागत घटाने के उपायों के तहत ऐसा किया गया है.

घरेलु उड़ानों के लिए बिजनेस और फर्स्ट क्लास यात्रियों को नॉन-वेज खाना पहले की तरह ही परोसा जाएगा. वहीं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की श्रेणियों में आने वाले यात्रियों को भी नॉन-वेज भोजन मिलेगा.

एयरलाइन की ओर से दिए बयान में कहा गया है कि, एयर इंडिया ने बरबादी रोकने, लागत कम करने तथा केटरिंग सेवा में सुधार के लिए घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी श्रेणी में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने का फैसला लिया है. एयरलाइन के सूत्रों ने बताया कि यह फैसला पिछले महीने लागू किया गया.

पिछले सप्ताह ही खबर आई थी कि एयर इंडिया अब अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इकॉनमी श्रेणी के यात्रियों को खाने में सलाद नहीं परोसने के बारे में विचार कर रही है. एयरलाइन खर्च काम करने के लिए प्लेन में रखी जाने वाली पत्रिकाओं की संख्या कम करने के बारे में भी सोच रही है.

राहुल गांधी ने की चीनी राजदूत से मुलाकात, कांग्रेस ने बताया फर्जी

Rahul Gandhi

नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ सकते हैं. राहुल गांधी की चीनी राजदूत के साथ मुलाकात पर बवाल मच गया है. दरअसल, चीनी दूतावास के WeChat अकाउंट ने 8 जुलाई को राहुल की बैठक की पुष्टि की है, जबकि कांग्रेस ने राहुल गांधी की चीनी राजदूत से मुलाकात करने की खबरों को ‘फर्जी’ करार देते हुए सिरे से नकार दिया था.

गौरतलब है कि राहुल गांधी के भारत में चीनी राजदूत से मिलने की खबरें सिक्किम के डोकलाम में भारत-चीन सीमा विवाद के चलते आईं. भारत में चीनी दूतावास ने बताया कि 8 जुलाई को राजदूत लियो झाओहुई के साथ में राहुल गांधी से मिले. उन्होंने वर्तमान भारत- चीन संबंध के बारे में बातचीत की. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक साथ कई ट्वीट कर कहा कि कुछ समाचार चैनल भारत में चीन के राजदूत लियो झाओहुई के साथ राहुल गांधी की कथित मुलाकात की झूठी खबरें दिखा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘न्यूज चैनल चीन का दौरा कर रहे तीन केंद्रीय मंत्रियों और जी20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के रवैये पर सवाल खड़े नहीं करेंगे’. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बारे में ये खबरें विदेश मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने गढ़ी हैं.

कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख राम्या ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से मुलाकात की या नहीं? उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह जर्मनी के हैम्बर्ग में जी-20 सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सीमा विवाद का मुद्दा क्यों नहीं उठाया?

उन्होंने सम्मेलन में मोदी और शी की तस्वीर को साझा करते हुए ट्वीट कर कहा, “चीन की घुसपैठ हो रही है और इस दौरान यह बैठक हुई और ‘कमजोर’ प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे के बारे में बात करना भी मुनासिब नहीं समझा.”

उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, “अगर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने चीनी राजदूत से मुलाकात की है तो भी मुझे यह कोई मुद्दा नहीं लगता. पर प्रधानमंत्री द्वारा निजी और सार्वजनिक तौर पर सीमा विवाद को नहीं उठाना मुद्दा जरूर है.”

जीएसटी के बाद स्टेट बैंक की कई सर्विस हुईं महंगी

नई दिल्ली। जीएसटी के बाद देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने कैश ट्रांजैक्शन और विड्रॉल में बड़ा बदलाव कर दिया है. बैंक ने अपने मोबाइल एप के यूजर्स के लिए ए.टी.एम. विड्रॉल पर लगने वाले सर्विस चार्जेज को रिवाइज्ड किया है. यह नए चार्जेज 1 जून से प्रभावी हो गए हैं. बता दें कि बैंक की सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए अब आपको 18 प्रतिशत सर्विस चार्ज देना होगा क्योंकि जी.एस.टी. लागू होने के बाद 3 प्रतिशत तक सर्विस चार्ज बढ़ा दिए हैं.

अगर आप एस.बी.आई. मोबाइल एप बैंक बडी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको प्रति टांजैक्शन के लिए 25 रुपए देने होंगे. इसके बाद जी.एस.टी. भी अलग से लगेगा. मतलब विड्रॉल के दौरान 25 प्लस जी.एस.टी. चार्ज देना होगा.

अगर एक लाख रुपए तक ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं तो इसके लिए आपको 5 रुपए के साथ टैक्स देना होगा. वहीं अगर आप 1 से 2 लाख रुपए तक पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कर रहे हैं तो इसके लिए आपको 15 रुपए के साथ टैक्स अदा करना होगा और अगर आपका ऑनलाइन ट्रांसफर अमाउंट 2 से 5 लाख रुपए हैं तो इसके लिए आपको 25 रुपए के साथ टैक्स देना होगा. अगर कोई ग्राहक 20 से ज्यादा कटे-फटे नोट बदलना चाहता है या बदले जाने वाले नोटों की वैल्यू 5,000 रुपए से ज्यादा है तो एस.बी.आई. प्रत्येक ऐसे नोट पर 2 रुपए का चार्ज और टैक्स लेगा.

 

पनामा केस में प्रधानमंत्री से भी होगी पूछताछ

panama papers

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और उनके दो बेटों के खिलाफ लंदन में गलत तरीके से प्राप्त धन से संपत्ति खरीदने के आरोप लगे थे. इन आरोपों की जांच कर रही जेआईटी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दूसरे पखवाड़े की पहली रिपोर्ट सौंपी. सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को दिए गए फैसले में सरकार से कहा था कि इन आरोपों की जांच के लिए संयुक्त जांच टीम, जेआईटी का गठन किया जाए. अदालत ने मामले में हो रही जांच से संतोष जताया और कहा कि जेआईटी को 60 दिनों के अंदर जांच पूरी कर लेनी चाहिए जैसा कि पहले निर्धारित किया गया था. अदालत के 20 अप्रैल के आदेश के तहत जेआईटी को अपनी जांच 60 दिनों के अंदर पूरी करनी होगी. लेकिन इसे अदालत के साथ 15 दिनों की रिपोर्ट साझा करनी होगी. अदालत ने जेआईटी को अतिरिक्त समय न देने की चेतावनी भी दी. जेआईटी की बाधाओं और समस्याओं पर जवाब देते हुए पीठ की अध्यक्षता करने वाले जज एजाज अफजल खान ने जेआईटी को जांच का अलग से लिखित ब्यौरा देने के लिए कहा. इस बीच शरीफ के बेटे हुसैन नवाज़ की तस्वीर के मुद्दे ने अदालत में जोर पकड़ा. क्योंकि हुसैन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत की पीठ से कहा कि तस्वीर से जुड़ी उनकी याचिका पर जल्दी से जल्दी सुनवाई की जाए. हुसैन ने अपनी याचिका में अदालत से कहा कि एक आयोग का गठन किया जाए और जांच की जाए कि तस्वीर कैसे खींची गई और कैसे सोशल मीडिया में प्रसारित हुई. शरीफ के परिवार और उनके समर्थकों ने दावा किया कि हुसैन का जांचकर्ताओं के समक्ष कमरे में अकेले बैठने की तस्वीर का उद्देश्य शरीफ परिवार को परेशान करना था. अदालत ने सुनवाई की तारीख 12 जून रखते हुए जेआईटी से कहा कि हुसैन की याचिका पर जवाब दें. शरीफ के दो बेटे हुसैन और हसन जेआईटी के समक्ष पेश हो चुके हैं. मामले में जेआईटी प्रधानमंत्री से भी पूछताछ करेगी.

मामला पनामा पेपर्स से जुड़ा हुआ है जो दर्शाता है कि शरीफ के परिवार की विदेशों में कंपनियां हैं, जो लंदन की संपत्ति की देखरेख करती हैं. पनामा पेपर्स मामले में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में शरीफ के पक्ष में फैसला 2 के बजाए 3 मतों से रहा. पनामा पेपर्स लीक में शरीफ के बेटों की कंपनी ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में होने की बात पता चली, जो लंदन में महंगी संपत्ति खरीद से जुड़ी हुई हैं. विपक्षी दलों ने शरीफ पर विदेशों में धन के स्रोत का पता न बताने संसद में झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं. शरीफ और उनके परिवार ने किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल होने से इंकार किया है.

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के दौर में हल खींच रही हैं बेटियां

भोपाल। एकतरफ सरकार बेटियों को पढ़ाने, बचाने के लिए अभियान छेड़ती है तो वही दूसरी ओर इस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं. यह घटना मध्यप्रदेश राज्य के सीहोर ज़िले के बसंतपुर पांगड़ी गांव का है. रविवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने कुछ तस्वीरें जारी की जिसमें एक किसान बैल की जगह बेटियों से खेत की जुताई कराता नज़र आ रहा है. सरदार बारेला नाम के इस किसान का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह बैल खरीद सके और उनका पालन पोषण कर सकें. उनका कहना है कि आर्थिक तंगी की वजह से उनकी 14 वर्षीय बेटी राधिका और 11 वर्ष की कुंती को कक्षा आठ के बाद अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी है.

मीडिया में तस्वीरें आने के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में ज़िले के जनसंपर्क अधिकारी आशीष शर्मा का कहना है कि प्रशासन मामले को देख रहा है. सरकारी योजनाओं के मुताबिक उस किसान की उचित मदद की जाएगी. शर्मा ने कहा कि किसान को निर्देश दिया गया है कि इस तरह के कामों में वह बच्चों को शामिल न करे

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष ने इस मामले को लेकर प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का गृह ज़िला है. ये बहुत ही शर्मनाक तस्वीर है. मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए कि राज्य में किसानों की दुर्दशा किस तरह से दूर की जाए. वहीं भाजपा नेता आलोक संजर ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि किसान सरपंच से बात करे, उसकी हरसंभव मदद करने की कोशिश की जाएगी.

बता दें पिछले महीने शुरू हुए किसान आंदोलन के बाद से प्रदेश में अब तक 51 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. इसमें सबसे ज़्यादा 11 किसान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले सीहोर के हैं जहां से वर्तमान तस्वीरें सामने आ रही हैं.

 

भारत के इस राज्य में है संविधान के मंदिर वाला गांव…

बस्तर। भारत में हर नुक्कड़ और चौराहे पर आपको तमाम देवताओं के मंदिर मिल जाएंगे. सुबह से शाम तक यहां भक्तों का रेला लगा रहता है. मंदिरों का आलम तो यह है कि यहां राजस्थान के हाई कोर्ट में उस मनु की मूर्ति भी है, जिसके षड्यंत्र की शिकार भारत के बहुजन आज भी हैं. लेकिन इन तमाम आडंबरों के बीच छत्तीसगढ़ में एक मंदिर ऐसा भी है जो एक उम्मीद जगाता है. प्रदेश के बस्तर जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी के फासले पर तोकापाल ब्लॉक में बुरंगपाल गांव है. दो हजार की आबादी वाला यह गांव देश में अकेला ऐसा गांव है, जहां भारत के संविधान का मंदिर है.

इसकी कहानी करीब 25 साल पहले आदिवासियों ने स्टील प्लांट के खिलाफ एक आंदोलन किया था. इसके बाद यह मंदिर स्थापित हुआ. अब एक बार फिर इस गांव में ग्रामीण लामबंद हो रहे हैं. वजह है 9 मई 2015 को दंतेवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने साइन हुए अल्ट्रा मेगा स्टील प्लांट को लेकर एमओयू. ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि स्टील प्लांट का विरोध 2014 से चल रहा है. अबतक 14 गांव विरोध में चुके हैं. 1992 में 6 अक्टूबर को इस इलाके के मावलीभाटा में एसएम डायकेम के स्टील प्लांट का भूमिपूजन और शिलान्यास हुआ था.

लेकिन ग्रामीणों का आरोप था कि उनसे इस बारे में कोई सलाह नहीं ली गई, जबकि संविधान की पांचवीं अनुसूची में यह जरूरी था. प्लांट के विरोध में आदिवासी लामबंद हो गए. आंदोलन की अगुवाई यहां कलेक्टर रह चुके समाजशास्त्री डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा ने की थी. उन्होंने बुरुंगपाल गांव में ही डेरा जमा लिया. तब उन्होंने यह मंदिर यहां बनाया था. इसी जगह से पूरा आंदोलन संचालित होता था. डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा करीब 3 साल यहां रहे. लगातार यहां बैठकें होती थीं. इसके बाद 73 वां संविधान संशोधन विधेयक पारित हुआ.

हालांकि मंदिर का कोई कमरा नहीं है और ही इस पर छत है, लेकिन ग्रामीण इस स्थान का बेहद सम्मान करते हैं. 24 दिसंबर 1996 को तैयार हुआ मंदिर करीब 6 फीट लंबा और 8 फीट चौड़ा चबूतरे पर बना है. जिस पर पीछे की ओर 6 फीट ऊंची और 10 फीट चौड़ी दीवार बनी है. इस दीवार पर भारतीय संविधान में अनुसूचित क्षेत्रों के लिए ग्राम सभा की शक्तियां और इससे संबंधित इबारतें लिखी हैं. लेकिन इसमें ज्यादातर हिस्सा मिट चुका है. लोगों में इस स्थान को लेकर गजब की आस्था है. गांव में त्योहार हो या कोई नया काम शुरू करना हो, पूरा गांव यहीं जुटता है. संविधान की कसमें खाई जाती हैं, इसके बाद ही एक राय होकर काम शुरू करते हैं. यह परंपरा करीब 25 साल से लगातार कायम है. बस्तर जिले के बुरुंगपाल में वह शिलालेख जिसे संविधान का मंदिर मानकर पूजते हैं गांव के लोग.

लश्कर का आंतकवादी संदीप शर्मा जम्मू से गिरफ्तार

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श्रीनगर. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी आतंकी संदीप शर्मा को सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले से गिरफ्तार किया है. वह मूल रूप से यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और पेशे से शातिर अपराधी है वह लंबे समय से लश्कर से जुड़ा है. संदीप के पिता का नाम राम शर्मा है. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी मुनीर खान ने इसकी जानकारी दी.

बताया कि वह एक अपराधी है और सोपोर के शकूर के जरिए लश्कर के संपर्क में आया. बता दें संदीप उर्फ आदिल एसएचओ फिरोज भट्ट की हत्या में भी शामिल था .लश्कर के आतंकियों ने एटीएम लूटने के लिए संदीप कुमार का इस्तेमाल किया. ग्रामीण इलाकों में अनैतिक कार्यों के लिए भी लश्कर ने संदीप की मदद ली.

संदीप कुमार कश्मीर में खुद को आदिल बताकर रह रहा था. संदीप बशीर लश्करी का करीबी है. गैर कश्मीरी संदीप उसी घर में ठहरा था जहां लश्करी ने शरण ली हुई थी. मामला सामने आने के बाद नोएडा से एटीएस की एक टीम मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गई है. एटीएस की टीम संदीप शर्मा के परिवार वालों से पूछताछ करेगी.

 

बसपा ने रंजीत कुमार को बनाया रांची का जिलाध्यक्ष

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रांची। बहुजन समाज पार्टी ने रांची का नया जिलाध्यक्ष रंजीत कुमार को बनाया है. रंजीत कुमार चुटिया के निवासी है. रंजीत कुमार अब रांची जिले में बसपा का कार्यभार सभालेंगे. इनसे पहले जिलाध्यक्ष रहे जितेंद्र बहादुर को पार्टी ने अच्छी तरह से कार्य नहीं करने के कारण पद से हटा दिया गया था.