आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर एक अगस्त को दिये गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बहस तेज हो गई है। इस पर चर्चा चल रही है कि यह फैसला कितना सही और संविधान सम्मत है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील एडवोकेट के. एस चौहान ने दलित दस्तक के संपादक अशोक दास से विस्तृत बात की और बताया कि इस फैसले के संवैधानिक मायने क्या है। दलित दस्तक के यू-ट्यूब चैनल पर हुई इस चर्चा का वीडियो लिंक हम यहां दे रहे हैं। सुनिये कितना न्याय संगत है सुप्रीम कोर्ट का आरक्षण पर फैसला-

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।