झुंझुनू, राजस्थान। दलित समाज के एक व्यक्ति के पानी का मटका छूने पर उसकी बेहरमी से पिटाई की गई। और जब पिटाई से भी मन नहीं भरा तो उसे अगवा कर छोड़ने के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे गए। मामला राजस्थान के झूंझुनू जिले की है। यहां के पचेरी कलां थाना क्षेत्र में 18 जनवरी को घटी।
ट्रैक्टर चालक चिमनलाल मेघवाल एक ईंट भट्ठा पर ईंट लेने गया था। उस दौरान प्यास लगने पर चिमनलाल घड़े से पानी पीने लगा। यह देखकर ईंट भट्ठा मालिक विनोद यादव भड़क उठा और जातिवादी गाली देते हुए उसे लात मार दी। इसके बाद विनोद और दो अन्य लोग उसे कार से हरियाणा के रेवाड़ी ले गए, जहां उसकी जमकर पिटाई की गई। जब घर वालों को पता लगा और उन्होंने चिमनलाल मेघवाल को छोड़ने की गुहार लगाई तो विनोद यादव और उसके साथियों ने चिमनलाल को छोड़ने के लिए परिवार से डेढ़ लाख रुपये मांगे। जब पीड़ित के भाई ने पैसे दिए, तब उसे छोड़ा गया।
कैद से छूटने के बाद पीड़ित और परिवार ने रविवार 19 जनवरी को मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
बता दें कि यहां ईट भट्ठा मालिक यादव समाज यानी पिछड़े समाज से है। यानी साफ है कि दलित समाज सिर्फ सवर्णों के अत्याचार का शिकार ही नहीं है, बल्कि पिछड़े समाज के कई तबके दलित उत्पीड़न के मामले में ज्यादा उग्र दिखाई देते हैं। अगर चिमनलाल मेघवाल दलित जाति का न होता तो क्या उसे पानी का मटका छूने के लिए इतना प्रताड़ित किया जाता ? जवाब है बिल्कुल नहीं। अगर चिमनलाल ‘मेघवाल’ न होकर ऊंची या पिछड़ी जाति का होता और उसे प्यास लगती और मटका छू जाता तो भी क्या ईंट भट्ठा चालक विनोद यादव उसके साथ इतनी क्रूरता करता? जवाब है बिल्कुल नहीं। इसलिए हम कहते हैं… कास्ट मैटर्स
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