आईआईटी रूड़की में एक दलित पीएचडी छात्रा की शिकायत पर हरिद्वार पुलिस ने 3 प्रोफेसरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. छात्रा ने आरोप लगाया था कि तीनों ने उसका शारीरिक और मानसिक शोषण किया था. इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था. हरिद्वार पुलिस ने बताया था कि जांच में यह पता चला है कि पीड़िता के सारे आरोप सही नहीं हैं लेकिन आरोपियों के खिलाफ मामला बनता है. उत्पीड़न को लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया था और कैंपस के बाहर प्रदर्शन भी हुए थे.
आईआईटी रुड़की में 3 महिलाओं ने जहां 7 फैकल्टी मेंबर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, वहीं नैनोटेक्नॉलजी सेंटर की एक दलित स्कॉलर ने भी 3 सीनियर फैकल्टी मेंबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने SIT का गठन किया था. आरोप था कि 3 फैकल्टी सदस्यों ने पीएचडी गाइड होने के नाते पहले दलित स्कॉलर का यौन शोषण किया और फिर उसे जातिसूचक शब्द भी कहे.
एसएसपी हरिद्वार एसएसपी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कनखल उपाधीक्षक की अगुवाई में एसआईटी की गठन किया था. एसआईटी ने छात्र-छात्राओं, प्रोफेसरो और स्टाफ से पूछताछ की. पीड़ित छात्रा से भी टीम ने बात की. इस जांच में यह बात सामने आई कि छात्रा के सभी आरोप सही नहीं हैं. पीड़ित छात्रा के खराब व्यवहार की शिकायत भी की गई थी. इसके बाद उसने माफी भी मांग ली थी.
छात्रा ने सुपरवाइजर को बदलने का भी आवेदन किया था. इसके बावजूद उसके आरोपों में दम है. इसे देखते हुए कोतवाली रुड़की में 3 प्रोफेसरों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक इनके खिलाफ 509, 354, एससी-एसटी एक्ट और 352 के तहत केस दर्ज किया गया है. मामला जांच अधिकारी को सौंप दिया गया है.
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