इमरान ख़ान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए हैं. उन्होंने शनिवार को एक पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में इमरान खान की पत्नी बुशरा मेनका भी शामिल हुईं. इमरान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ़ ने इस बाबत ट्वीट किया.
तहरीक ए इंसाफ़ ने लिखा कि हमने बहुत समय से इस वक्त का इंतजार किया है.
25 जुलाई को हुए चुनाव में पीटीआई पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी हालांकि अपने दम पर सरकार बनाने में यह कुछ सीटों से चूक गई. मतों के जादुई आंकड़े को छूने के लिए पीटीआई नेतृत्व ने कथित रूप से मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस (जीडीए), पीएमएल-कैद (पीएमएल-क्यू) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के साथ साथ निर्दलियों से संपर्क साधा था.
इमरान को बहुमत मिला
पाकिस्तान में भारत के उलट सदन में बहुमत पहले साबित करना होता है. पाकिस्तान की संसद में 173 बहुमत का आंकड़ा होता है और संसद में हुई वोटिंग में इमरान ख़ान को इससे तीन अधिक यानी 176 वोट मिले हैं. नेशनल असेंबली में हुई वोटिंग में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ को 176 जबकि उनके विरोधी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ़ को केवल 96 वोट मिले.
इमरान के शपथ ग्रहण में देश-विदेश से मेहमान पहुंचे हैं इनमें भारत के क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हैं.
चुनाव में जीत के बाद इमरान ने क्या कहा था?
चुनाव में बड़ी जीत के बाद इमरान ख़ान प्रेस ने कॉन्फ़्रेंस किया. उसमें उन्होंने कहा कि 22 साल की लड़ाई के बाद मुझे उस मुकाम पर पहुंचाया है. उन्होंने कहा, “मैंने चुनावों में जो वादा किया था उसे पूरा करूंगा. 22 साल पहले मैं क्यों सियासत में आया था? मैं ये समझता हूं कि मेरे मुल्क की जो ताक़त थी, जिस तरह से देश विकास कर रहा था वो नीचे आया. मैं चाहता था कि हमारा देश फिर से बड़ा बने.”
Read it also-वनांचल क्षेत्र कुई में आदिवासी छात्रावास एवं आश्रमों को दिए जाने वाले राशन में कटौती
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करेंhttps://yt.orcsnet.com/#dalit-dast

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।