बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में एक पंडित के नेतृत्व में 2 दलित युवकों को गाय चोरी के आरोप में पहले उनका सर मुंडवाया गया और फिर उनके गले में “मैं गाय चोर हूँ” की तख्ती टांगकर गाँव में भर में घुमाया और पीटा गया. ये घटना सुबह 5 बजे की है, जब स्थानीय पंडित ने दलित युवकों उमा और सोनू को दो बछड़े ले जाते हुए देखा. पंडित ने तुरंत ही गाँव वालों इकठ्ठा कर लिया. इसके बाद सबने मिलकर दोनों दलित युवकों को जमकर पीटा और उनका सर भी मुंडवा दिया.
गाँव वालो की क्रूरता यहीं नहीं रुकी, इसके बाद दोनों युवकों को “मैं गाय चोर हूँ” की तख्ती टांगकर गाँव भर में घुमाया गया और इस पूरे वाकये का विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर भी करा गया. दोनों युवकों के खिलाफ गाय चोरी का मामला दर्ज़ करवाया गया और गिरफ्तार भी कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक गाज़ीपुर की सड़क पर हुई इस घटना में 15 लोगों के खिलाफ SC/ST Act के अंतर्गत मामला दर्ज़ हुआ है जिनकी तलाश जारी है .
इनमें से एक युवक के पिता सुभाष राम ने बताया कि वो अपने रिश्देतार के यहां जा रहे थे. मठ के आदमियों ने उन्हें पकड़ा और पीट दिया. पुलिस ने वहां पहुंचकर दोनों को भीड़ के हाथों से बचाया. मठ के लोगों ने हमारी जात पूछी और जब उन्हें पता चला कि हम दलित हैं तो फिर बुरी तरह पीटा और हमारे पैसे, मोबाइल और अन्य सामान को छीन लिया.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।