प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पूरी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह अव्वल दर्जे के तानाशाह हैं। जो भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करेगा, वो उसे बख्शेंगे नहीं। जी हां, जिस बीबीसी ने पिछले दिनों गुजरात दंगों और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर वीडियो सीरीज को रिलिज किया था, उसके दफ्तर पर आज आयकर विभाग ने छापा मारा है।
हालांकि विभाग इसे सर्वे बता रहा है, रेड नहीं। उनका कहना है कि अियमितताओं के इनपुट्स के आधार पर बीबीसी से जुड़े कुछ मामलों की जांच की जा रही है। दिल्ली के अलावा बीबीसी के मुंबई दफ्तर पर भी आयकर अधिकारी पहुंच गए हैं।
दिल्ली के क्नॉट प्लेस में मौजूद बीबीसी के दफ्तर में इंकम टैक्स के 60-70 लोगों की टीम पहुंची। इस दौरान स्टॉफ के फोन बंद करा दिये गए और यहां हर किसी के आने-जाने पर रोक लगा दी गई। इसकी जो वजह बताई जा रही है उसमें कहा जा रहा है कि बीबीसी पर इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी का आरोप है। इसकी सूचना बाहर आते ही विपक्ष ने भाजपा सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस ने इसे अघोषित आपातकाल बताया है।
दरअसल कुछ दिन पहले ही बीबीसी ने गुजरात दंगों और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर वीडियो सीरीज जारी किया था, जिसके बाद हंगामा मच गया था। मोदी सरकार इससे इस कदर परेशान हो गई कि उसने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को ही बैन कर दिया। और अब बीबीसी दफ्तर में इंकम टैक्स के अधिकारी पहुंच गए हैं। साफ है कि मोदी सरकार बीबीसी को सबक सिखाने के मूड में है।
मोदी सरकार पहले ही अडानी मामले को लेकर चारो ओर से घिरी हुई है। विपक्ष की घेराबंदी के बावजूद न तो सरकार का कोई मंत्री और न ही प्रधानमंत्री मोदी ही अडानी पर कुछ कह रहे हैं। मोदी सरकार पर अक्सर मीडिया को दबाने का आरोप भी लगता है। इसी कारण तमाम सोशल एक्टिविस्ट भारतीय मीडिया को गोदी मीडिया कहते रहे हैं। लेकिन इस बीच में यह माना जा रहा था कि भारत में काम करने वाली विदेशी मीडिया स्वतंत्र है। लेकिन बीबीसी पर आयकर विभाग के छापे ने साबित कर दिया है कि चाहे भारतीय मीडिया हो या फिर विदेशी मीडिया, मोदी सरकार में किसी को भी सरकार और उसके आका के खिलाफ कुछ भी कहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। लेकिन सोचना होगा कि क्या यह भारत के लोकतंत्र के लिए ठीक है?
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