भारत देश और हर भारतीय के लिए गर्व की खबर सामने आई है। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सुरीनाम देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति मुर्मू को “ग्रैंड आर्डर ऑफ द चेन ऑफ द यलो स्टार” सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसकी जानकारी राष्ट्रपति भवन ने ट्विटर के जरिये दी। इस खबर के सामने आने के बाद हर कोई इसे गौरव का पल बता रहा है।
वहीं दूसरी ओर इस सम्मान के मिलने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह सम्मान सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि भारत के उन सभी 1.4 अरब लोगों के लिए भी अत्यधिक महत्व रखती है जिनका मैं प्रतिनिधित्व करता हूं। राष्ट्रपति मुर्मू ने यह सम्मान भारतीय-सूरीनाम समुदाय की आने वाली पीढ़ियों को समर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने हमारे दोनों देशों के बीच भ्रातृत्व संबंधों को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति जी ने कहा कि सूरीनाम में भारतीय आगमन की 150वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक मौके पर यह सम्मान प्राप्त करना इसे और विशेष बनाता है। अगर यह सम्मान हमारे दोनों देशों में महिलाओं के सशक्तिकरण और प्रोत्साहन के प्रकाश स्तंभ के रूप में काम करता है तो यह और भी सार्थक हो जाता है।
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सूरीनाम में मामा शरणन स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। यह स्मारक मामा सरनन, या मदर सूरीनाम का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें उनके पांच बच्चे हैं, पांच जातीयताएं जो सूरीनाम में देखभाल और स्नेह के साथ निवास करती हैं। यह स्मारक सूरीनाम में कदम रखने वाले पहले भारतीय पुरुष और महिला का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व था। इस मौके पर सूरीनाम पहुंचे 34,000 भारतीयों के बलिदान और संघर्ष को भी याद किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सूरीनाम में भारतीयों के आगमन के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डाक टिकटों के विशेष आवरण भेंट किए गए। जबकि राष्ट्रपति की ओर से सूरीनाम के राष्ट्रपति को सांकेतिक रूप से दवाओं का डिब्बा भेंट किया। दरअसल भारत ने सूरीनाम को आपातकालीन दवाओं से मदद की है। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में भारतीय समुदाय और सुरीनाम के बीच संबंध और बेहतर होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान सुरीनाम की जनता को भारत आने और उसके विकास को देखने के लिए आमंत्रित किया।