लैंड एंड। ब्रिटेन में रह रही भारतीय मूल की एक लॉयर, एक दिन में लैंड एंड से जॉन ओग्रेट्स तक अकेले ड्राइव करने वाली पहली महिला बन गई हैं.
44 वर्षीय भारुलता काम्बले के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं. निडरता, दृढ़ संकल्प और मजबूत इरादों ने भारुलता को भारतीय मूल की पहली महिला बनाया, जिन्होंने सिर्फ एक दिन में ब्रिटेन के एक छोर से दूसरे छोर तक का सफर सफलतापूर्वक पूरा किया. वह जहां कहीं भी जाती हैं भारत के तिरंगे को फहराती हैं. उनके देश-प्रेम को दर्शाने के इस अंदाज को कई लोगों ने सराहा है.
लिंग के आधार पर गर्भपात को खत्म करने के अभियान की जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्होंने पिछले हफ्ते ग्रेट ब्रिटेन के दो हिस्सों के बीच 874 मील की दूरी सिर्फ 14 घंटे और 33 मिनट में तय की. भारुलता का मानना है कि असमानता का मुद्दा उस समय तक खत्म नहीं होगा जब तक कि महिलाओं को स्वयं पर विश्वास नहीं हो. लड़कियों को शिक्षा प्रदान करना पर्याप्त नहीं है; उन्हें सिर्फ एक समान कहना काफी नहीं है. निर्णय लेने के अवसरों पर भी उनका पूरा योगदान लिया जाना चाहिए. हर लड़की को जीवन और शिक्षा का अधिकार होना चाहिए. एक लड़की की उत्पत्ति अगली पीढ़ी की मां की उत्पत्ति होती है.
भारूलता ने अपने इस मिशन के बाद आगे आने वाली और भी बड़ी चुनौतियों के बारे में बात की. भारुलता ने उन सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनकी मदद की. विशेष रूप से श्रीमती विभेद मेहंदीरत्ता का जिन्होंने भारुलाता के दृढ़ संकल्प की प्रशंसा में एक भाषण देकर उन्हे प्रोत्साहित किया. इसके अलावा अनीताबेन रुपेलिया ने भारुलता की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. भारुलता ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, शुभचिंतक और कई समर्थकों के लिए आभार प्रकट किया, जिन्होंने झंडा फहराने में उनको समर्थन दिया.
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