इंदौर की सफाईकर्मी ने सोना गिरवी रख बेटी को पढ़ाया, अब उसे 1 करोड़ की स्कॉलरशिप मिली

इंदौर (मध्यप्रदेश)। सफाईकर्मियों की बदौलत जहां इंदौर सफाई में देश में पहले नंबर पर आया है. वहीं, अब एक महिला सफाईकर्मी नूतन घावरी की बेटी रोहिणी को प्रदेश सरकार के अनुसूचित जनजाति विभाग ने एक करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप दी है. मार्केटिंग में एमबीए कर चुकी रोहिणी अब पीएचडी के लिए स्कॉटलैंड जाएंगी. रोहिणी की मां नूतन कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल में सफाईकर्मी हैं.

नूतन बताती हैं, “मैं दस साल तक रोहिणी को अपने साथ ही ड्यूटी पर ले जाती थी, लेकिन उसका मन तो पढ़ाई-लिखाई में ही लगता था. उसने आगे पढ़ने की इच्छा जताई तो हम भी मना नहीं कर पाए. सोना गिरवी रखकर उसे पढ़ाया. सोना आज भी गिरवी रखा हुआ है.” वहीं, रोहिणी ने बताया कि मैं जब भी परिवार के साथ किसी शादी समारोह में जाती थी, तो लोग पापा को ताने मारते हुए कहते थे कि बेटी बड़ी हो गई है. हाथ पीले कर दो नहीं तो अच्छा लड़का नही मिलेगा. अब वे लोग ही पापा को बधाई देते हैं और अपने बच्चों को मेरा उदाहरण देते हैं.

रोहिणी के साथ भाई-बहनों की भी खेल में रुचि : राेहिणी वालीबाॅल की राष्ट्रीय खिलाड़ी भी हैं. उसकी दो बहनें- कोमल, अश्विनी, एक भाई हर्ष है. कोमल नीट क्वालिफाई हैं. अश्विनी 12वीं में है और वह भी स्टेट लेवल की वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं. भाई हर्ष नेशलन अंडर 14 बास्केटबाॅल टीम का कप्तान है.

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