नई दिल्ली। अब इंश्योरेंस पॉलिसी को भी आधार नंबर से लिंक कराना जरूरी कर दिया गया है. यह जानकारी बीमा नियामक आईआरडीएआई (बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण) ने दी है. वैसे तो आधार कार्ड काफी अहम चीजों के लिए पहले ही अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन अब आपको अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को भी आधार नंबर से लिंक करवाना होगा.
बीमा नियामक IRDAI ने बीमाकर्ताओं (इंश्योरर)- जनरल और लाइफ-से कहा है कि वो अगले आदेश का इंतजार किए बिना इस नियम को तत्काल प्रभाव से लागू करें. आधार को इंश्योरेंस पॉलिसी से लिंक करवाना धन-शोधन निवारण (रिकॉर्ड्स का रखरखाव) के दूसरा संशोधन नियम, 2017 के तहत अनिवार्य किया गया है. नियामक ने यह बात 8 नवंबर 2017 को जारी किए अपने बयान में कही है. इरडा ने बताया, “ये नियम कानूनन मान्य हैं और जीवन एवं सामान्य बीमा कंपनियों (स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं सहित) को अगले निर्देशों का इंतजार किए बिना इसे लागू करना होगा.”
IRDAI ने कहा है कि बीमा सहित तमाम वित्तीय सेवाओं के लिए आधार और पैन/ फॉर्म 60 का उल्लेख करना अनिवार्य हैं. आपको जानकारी के लिए बता दें कि फॉर्म 60/61 उन लोगों की ओर से भरा जाता है जिनके पास पैन कार्ड नहीं होता है और वो ऐसे लेनदेन कर रहे हैं जिसके लिए पैन की जानकारी देना आवश्यक होता है.
IRDAI ने बताया, “1 जून 2017 को एक अधिसूचना के माध्यम से केंद्र सरकार ने धन-शोधन निवारण (रिकॉर्ड का रखरखाव) के दूसरे संशोधन नियम, 2017 को अधिसूचित किया था जो कि बीमा सहित वित्तीय सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार और पैन/फॉर्म 60 को अनिवार्य करती है. साथ ही मौजूदा पॉलिसी के साथ भी इसे (आधार नंबर) लिंक करवाना जरूरी है.”
आधार को लिंक कराने का नियम जीवन बीमा कंपनियों और सामान्य बीमा कंपनियों पर लागू होता है जिसमें स्वास्थ्य बीमा कंपनियां भी शामिल हैं.
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण या आईआरडीएआई को पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए संसद की ओर से एक अधिनियम की मदद से गठित किया गया है. इसमें 10 सदस्य होते हैं जिसमें एक चेयरमैन, पांच पूर्णकालिक सदस्य और चार अंशकालिक सदस्य होते हैं.
देश में 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां और 33 बीमाकर्ता (स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं सहित) हैं जो देश में इस तरह की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं.
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