सरकार में चाहे भाजपा हो या सपा, जब भी उत्तर प्रदेश में चुनाव की दस्तक होती है, बहुजन महापुरुषों के सम्मान में बने दलित प्रेरणा स्थल का मुद्दा जरूर उठता है। एक बार फिर 2022 के यूपी चुनाव को देखते हुए बहुजनों के स्वर्णिम इतिहास को समेटे नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल और लखनऊ के सामाजिक परिवर्तन स्थल की जांच की खबर है। योगी सरकार के इशारे पर दोनों बहुजन स्मारकों में पैसे की अनियमितता की जांच एक बार फिर से तेज हो गई है। प्रेरणा स्थल से जुड़ी जरूरी 23 फाइलें लखनऊ मंगा ली गई हैं। जांच टीम ने 2009 से 2012 तक नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) में रहे सीईओ, एसीईओ और अन्य इंजीनियरों के नाम और पदनाम समेत पूरी जानकारी मांगी है।
दरअसल लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट में इन दोनों पार्कों के निर्माण में 14 सौ करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी। आरोप है कि बसपा सुप्रीमो मायावती की सरकार में जब दलित प्रेरणा स्थल बनने के बाद जांच शुरू हुई तो सैकड़ों करोड़ रुपये की खरीद के दस्तावेज गायब थे। किसके आदेश पर एमओयू में तय रकम से ज्यादा खर्च की गई यह आदेश भी गायब था।
लेकिन यहां अहम सवाल यह है कि बीते दस साल में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार भी रही और भाजपा भी सत्ता में रही, अब तक जांच में किसी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। सपा हो या भाजपा दलित प्रेरणा स्थल का मुद्दा हर चुनाव के समय उठाया तो जाता है लेकिन ऐसा कर महज बसपा शासनकाल को बदनाम करने की साजिश रची जाती है। जबकि यह साफ है कि बहुजन समाज के लिए नोएडा का दलित प्रेरणा स्थल हो या फिर लखनऊ का सामाजिक परिवर्तन स्थल, इनका महत्व एक तीर्थ सरीखा है। भाजपा और समाजवादी पार्टी कई मौकों पर इसकी जगह स्कूल औऱ अस्पताल बनाने की वकालत करते रहे हैं, लेकिन न तो सपा और न ही भाजपा सरकार और न ही किसी दूसरे में यह हिम्मत है कि वो इसकी एक ईंट को भी खरोच सकें।

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।