क्या भाजपा ने गुजरात में हार मान ली है

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दिल्ली में भाजपा के अशोका रोड स्थित केंद्रीय पार्टी मुख्यालय सुना सा पड़ा है. ज्यादातर नेता गायब हैं. पूछने पर पता चलता है कि सब गुजरात गए हैं. यानि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तक सब गुजरात में हैं. अमित शाह इन दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बजाय गुजरात प्रदेश के अध्यक्ष जैसा बर्ताव कर रहे हैं. कुल मिलाकर जो लोग पार्टी दफ्तर में मौजूद हैं, उनसे बात करने पर साफ पता चल जाता है कि शायद भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में हार मान ली है. उनकी हताशा साफ तौर पर दिख रही है.
भाजपा को कवर करने वाले पत्रकारों से बात करिए. कोई भी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि भाजपा गुजरात का चुनाव जीत सकती है, बल्कि सब यह मान कर चल रहे हैं कि भाजपा गुजरात में पक्का हार रही है. गुजरात के लोगों से भी बात करने पर यह साफ हो जा रहा है कि गुजरात के दलित और पाटीदार भाजपा को वोट देने के मूड में नहीं है. जी हां, भाजपा द्वारा तमाम पाटीदारों को टिकट दिए जाने के बावजूद पाटीदार समाज भाजपा को वोट नहीं देने जा रहा है. दलितों को उना में गौरक्षकों द्वारा डंडे से की गई पिटाई का दर्द शरीर से होकर उनके दिल में जा बसा है. रही सही कसर जीएसटी ने निकाल दी है.
आप गुजरात में मोदी जी का चुनाव प्रचार देखिए. वो क्या-क्या बोल रहे हैं अगर आप इस पर ध्यान देंगे तो उनकी हताशा साफ दिख जाएगी. कल तक ‘हर-हर मोदी घर-घर मोदी’ का नारा लगाने वालों के सर से मोदी का भूत उतर चुका है. गुजरात चुनाव बहुत कुछ कहने जा रहा है, इंतजार करिए.

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