ज्योतिबा फुले से लेकर बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर तक तमाम बहुजन महापुरुषों ने भारत के मूलनिवासी समाज को साफ-साफ कहा था कि बिना शिक्षा के उनका भविष्य नहीं बदल सकता। बहुजन नायकों ने अपने समाज को यह संदेश दिया है कि भले ही दो रोटी कम खाना चाहिए लेकिन अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेजना चाहिए। बहुजन महापुरुषों के इन्हीं सूत्र को अपना कर राजस्थान का अखिल भारतीय श्री मीना सामाजिक एवं शैक्षणिक समिति, नाम का संगठन देश का पहला आदिवासी विश्वविद्यालय बनाने जा रहा है। यह विश्वविद्यालय राजस्थान के कोटा के रानपुर में बनेगा। देश के इस पहले आदिवासी विश्वविद्यालय का नाम ‘जय मीनेष आदिवासी विश्वविद्यालय’ होगा। इसका शिलान्यास 8 अगस्त 2021 को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे। कोविड को देखते हुए पूरा कार्यक्रम वर्चुअल रखा गया है। इस विश्वविद्यालय के साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत आदिवासी मीना बालिका छात्रावास का लोकार्पण भी करेंगे। कार्यक्रम के विशेष अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी होंगे। कोटा में यह कार्यक्रम यूआईटी ऑडिटोरियम में रविवार सुबह 11 बजे होगा। इस कार्यक्रम में हाड़ौती के मीणा समाज के प्रमुख लोग मौजूद रहेंगे। वहीं प्रदेश भर के मीणा समाज के लोग राजीव सेवा केंद्रों के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इस समारोह से जुड़ेंगे।
इससे पहले 18 जुलाई को बस्सी से विधायक और रिटायर डीजीपी लक्ष्मण मीणा और कोटा के संभागीय आयुक्त श्री के सी मीणा और आदिवासी समाज के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। आयोजित समारोह में सम्भागीय आयुक्त कोटा, के.सी. मीणा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता बस्सी के विधायक श्री लक्ष्मण मीणा ने किया। इस दौरान समिति के निदेशक श्री आर डी मीना ने उपस्थित जनसमूह को कोटा में बनने जा रहे ‘जय मीनेश आदिवासी विश्व विद्यालय’ के बारे में विस्तृत जानकारी दी और आगे की योजना के बारे में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे विधायक लक्ष्मण मीना ने अपने उद्बोधन में कहा कि ये हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज जयनमीनेश आदिवासी विश्वविद्यालय का भूमि पूजन आप सभी के सहयोग सम्पन्न हुआ। कभी एक समय हमारा आदिवासी समाज पढ़ाई के संस्थान स्कूल कॉलेज में पढ़ने के अवसर लिए तरसते थे, आज हम शिक्षा के संस्थान स्थापित कर शिक्षा देने की तरफ अग्रसर हो रहे हैं। लक्ष्य कठिन जरूर है पर नामुमकिन नहीं। विश्वविद्यालय एक शहर बसाने जैसा है, घर बनाना आसान होता है, लेकिन शहर बसाना थोड़ा मुश्किल होता जरूर है।
लेकिन मुझे विश्वास है कि हम सामूहिक प्रयास, सहयोग से अपने इस सपने को साकार करेंगे। उन्होंने लोगों से आर्थिक मदद की अपील की। श्री मीणा ने यह भी कहा कि सबसे पहले हमे प्रथम चरण में 10 हजार वर्ग फिट का निर्माण कार्य नीयत समय एक वर्ष में पूरा करना ताकि विश्वविद्यालय को UGC की गाइडलाइन के अनुसार प्रारंभ कर सके जो कोई कठिन भी नही है। समाज के लोगों के पास जाकर हमें वांछित राशि लेने हेतु दिल से प्रयास करना पड़ेगा। आपके पास धन है तो अनुभव अपने आप आ जाता है। हम ये आदिवासी विश्वविद्यालय ही नहीं बना रहे है अपितु हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की नींव खड़ी कर रहे हैं, जिसमें हमारे समाज के बच्चों के साथ अन्य समाज के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।
इसके लिए मैं समाज के सभी बंधुओ से अपील करता हूं कि शिक्षा के इस पुनीत कार्य के लिए अधिक से अधिक धन राशि का बढ़-चढ़ कर सहयोग करे। चाहे वो समाज का अधिकारी हो या कर्मचारी या फिर गांव में रहने वाले पंच पटेल व किसान। हमें बस उनको विश्वविद्यालय निर्माण के लिए दान देने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। इस अपील पर समाज के लोगों ने लगभग दो करोड़ रूपये इकट्ठा कर लिया। अंत में समिति के निदेशक श्री आर डी मीना द्वारा समारोह में पधारे सभी समाज बंधुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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