जमशेदपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई के कारण हुई 30 से अधिक बच्चों की मौत के बाद अब झारखंड में भी ऐसे हालात बन गए हैं. लापरवाही के कारण झारखंड के एक सरकारी अस्पताल में कई नवजात दम तोड़ चुके हैं. यह मामला जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल सरकारी अस्पताल का है. यहां पर 30 दिनों में 60 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है.
एमजीएम अस्पताल में पिछले चार माह में 164 बच्चों की मौत हुई हैं. इनमें से 60 बच्चों की मौत पिछले 30 दिनों में हुई है. बच्चों की मौत का कारण कुपोषण बताया जा रहा है. एक जांच रिपोर्ट के अनुसार 16 बच्चों की मौत अंडरवेट के कारण हुई. सामान्य तौर पर नवजात का वजन जन्म के दौरान 2.5 किलो तक ठीक माना जाता है. हालांकि मरने वालों में 9 सौ ग्राम से लेकर 1.5 किलोग्राम के बच्चे थे.
अस्पताल के सुप्रींटेंडेंट का कहना है कि इन मौत के पीछे का कारण कुपोषण है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस इलाके में बड़े सरकारी अस्पतालों की कमी होने की वजह से एमजीएम अस्तपताल में झारखंड के अलावा ओडिशा, बिहार और पश्चिम बंगाल से भी मरीज आते हैं. साथ ही यह बात किसी से छिपी नहीं है कि यह इलाका कुपोषण बेल्ट है. इस वजह से मौतों का आंकड़ा इतना ज्यादा है.
वहीं बिना संसाधन बढ़ाए, अस्पताल में प्रसव करवाने की सरकारी योजना की वजह से भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. एमजीएम अस्तपताल के अधीक्षक डॉ. विभीषण ने बताया कि बच्चों की मौत अंडरवेट और प्रीमैचयोर डिलीवरी की वजह से हुई है. अस्पताल प्रशासन अपनी तरफ से बच्चों को बचाने की काफी कोशिश कर रहा है. हालांकि 900 ग्राम जैसे कम वजन के बच्चो की सर्वाइवल रेट कम होने की वजह से इतने मामले बढ़े हैं. वहीं मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है.
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